लखनऊ, छह अक्टूबर (भाषा) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के गोमती नगर इलाके में कभी जग-मग रहने वाले ‘सहारा शहर’ को सोमवार को नगर निगम अधिकारियों ने पट्टे के नियमों के कथित उल्लंघन के लिए ‘सील’ कर दिया।
लखनऊ की महापौर सुषमा खरकवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “हमने परिसर को सील करने का फैसला किया क्योंकि सहारा अधिकारियों ने 2024 में ही समाप्त हो चुके 30 साल के लीज का उल्लंघन किया था।”
इस बीच, नगर निगम की एक टीम ने भारी पुलिस बल के साथ सीलिंग की कार्रवाई की।
खरकवाल ने कहा, “सेबी के नियमों के अनुसार, सहारा इंडिया के साथ 1994 में लीज समझौता हुआ था और उसने निर्धारित शर्तों की अनदेखी की। न तो घर बनाया और न ही कोई परियोजना विकसित की बल्कि नियमों का उल्लंघन किया।”
महापौर ने दावा किया कि सहारा शहर की 170 एकड़ जमीन अब लखनऊ नगर निगम के कब्जे में है।
इससे पहले बुधवार को, लखनऊ नगर निगम की टीम ने सीलिंग की कार्रवाई रोक दी थी और सहारा अधिकारियों को परिसर खाली करने का समय दिया था।
अधिकारियों ने कहा, “यह मौका उन्हें इस अनुरोध पर दिया गया था कि शहर के अंदर रहने वालों को भी परिसर खाली करने की अनुमति दी जाए।”
नगर आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व में लखनऊ के उजरियांव और जियामऊ गांवों में स्थित 170 एकड़ भूमि पर विस्तृत जांच और समीक्षा की गई।
बयान में बताया गया, “जांच में पाया गया कि लाइसेंस समझौते और लीज डीड की शर्तों का उल्लंघन किया गया था।”
भाषा अरुणव मनीष आनन्द जितेंद्र
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