(राजेश राय)
दोहा, छह अक्टूबर (भाषा) भारत की एकीकृत भुगतान प्रणाली यूपीआई की पहुंच सोमवार को कतर स्थित लुलू समूह के स्टोर तक हो गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने यहां लुलू समूह के सुपरमार्केट स्टोर में यूपीआई सुविधा की शुरुआत की।
पिछले महीने दोहा स्थित हमाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ड्यूटी-फ्री स्टोर पर यूपीआई सुविधा की शुरुआत हुई थी।
इस अवसर पर गोयल ने कहा कि यूपीआई की शुरुआत से भारत और कतर के बीच पूंजी के प्रवाह को अधिक सुगम और किफायती बनाया जा सकेगा।
उन्होंने कहा, “यूपीआई का शुभारंभ सिर्फ एक डिजिटल भुगतान समाधान नहीं है, बल्कि यह भारत और कतर के बीच व्यापार को नई दिशा देने की क्षमता रखता है। यह दोनों देशों के बीच भरोसे को और मजबूत करेगा, क्योंकि जैसे-जैसे दोनों देशों की भुगतान प्रणालियां एकीकृत होंगी, लोगों के लिए कारोबार करना अधिक आसान और सस्ता होगा।”
यूपीआई प्रणाली के संचालक भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) की अनुषंगी एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) ने कतर नेशनल बैंक (क्यूएनबी) और जापान की पेमेंट गेटवे कंपनी नेटस्टार्स के साथ मिलकर यह सेवा शुरू की है।
पिछले महीने एनआईपीएल और क्यूएनबी ने मिलकर कतर में क्यूएनबी से जुड़े कारोबारियों के प्वाइंट-ऑफ-सेल टर्मिनलों पर यूपीआई भुगतान सुविधा शुरू की थी।
गोयल ने कतर में संचालित अन्य बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों से भी यूपीआई को अपनाने का अनुरोध किया।
उन्होंने कहा, “धन और पूंजी का प्रवाह अब लगभग वास्तविक समय में और बहुत कम लागत पर संभव होगा। विस्तारित व्यापार यूपीआई के अपनाए जाने से और मजबूत होगा।”
गोयल ने बताया कि कतर में रहने वाले लगभग 8.3 लाख भारतीयों को इस पहल से सीधा लाभ मिलेगा, क्योंकि उनकी स्वदेश पैसे भेजने की प्रक्रिया अब और तेज एवं कम खर्चीली हो जाएगी।
कतर अब यूपीआई भुगतान प्रणाली को स्वीकार करने वाला आठवां देश बन गया है। इससे भारतीय यात्रियों एवं स्थानीय कारोबारियों दोनों को नकदरहित, सुरक्षित और त्वरित लेनदेन की सुविधा मिलेगी।
गोयल ने कहा कि नौ वर्ष पहले शुरू हुआ यूपीआई आज भारतीय अर्थव्यवस्था की बड़ी सफलता की कहानी है।
उन्होंने कहा, “भारत में 85 प्रतिशत डिजिटल भुगतान यूपीआई के माध्यम से होते हैं और दुनिया के लगभग 50 प्रतिशत डिजिटल भुगतान अब यूपीआई से किए जा रहे हैं। प्रतिदिन औसतन 64 करोड़ लेनदेन यूपीआई के जरिए होते हैं।”
गोयल ने कहा कि एनआईपीएल, क्यूएनबी और लुलू समूह के बीच यह साझेदारी डिजिटल भुगतान को नई दिशा देगी और भारत की अंतरराष्ट्रीय वित्तीय उपस्थिति को और सशक्त बनाएगी।
भाषा प्रेम प्रेम रमण
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