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Monday, 6 October, 2025
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कफ सिरप से मौत : एनएचआरसी ने तीन राज्यों, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय व अन्य को नोटिस जारी किया

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नयी दिल्ली, छह अक्टूबर (भाषा) राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों को नोटिस जारी कर उन्हें दूषित कफ सिरप के कारण बच्चों की मौत के आरोपों की जांच करने और नकली दवाओं की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है।

एनएचआरसी ने भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई), केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को नकली दवाओं की आपूर्ति की जांच का आदेश देने और राज्यों में सभी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को नकली दवाओं के नमूने एकत्र करने और परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश देने को भी कहा है।

आयोग ने एक नोटिस में कहा, “प्राधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वह संबंधित राज्यों के सभी मुख्य औषधि नियंत्रकों को नकली दवाओं पर तुरंत प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया शुरू करने और रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दें।”

आयोग ने कहा कि उसे मध्यप्रदेश (छिंदवाड़ा और विदिशा जिले) और राजस्थान के कुछ जिलों में कथित तौर पर कफ सिरप पीने से 12 बच्चों की मौत के मामलों में तत्काल हस्तक्षेप के अनुरोध वाली एक शिकायत मिली है।

एनएचआरसी ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए प्रारंभिक परीक्षणों में हालांकि दवाओं में डायथिलीन ग्लाइकॉल या एथिलीन ग्लाइकॉल नहीं पाया गया, जो किडनी विषाक्तता पैदा करने वाले पदार्थ माने जाते हैं, “किडनी फेलियर और अन्य जटिलताओं से जुड़े मामलों में मौत का सही कारण अब भी अस्पष्ट है”।

एनएचआरसी के सदस्य प्रियंक कानूनगो की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम, 1993 का संज्ञान लिया है।

नोटिस में कहा गया, “रजिस्ट्री को निर्देश दिया जाता है कि वह प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, राजस्थान सरकार, जयपुर; प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, मध्यप्रदेश सरकार, भोपाल; तथा प्रमुख सचिव, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार, लखनऊ को नोटिस जारी कर शिकायत में लगाए गए आरोपों की जांच कराने, कफ सिरप के नमूने एकत्र करने, उनकी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं में परीक्षण कराने तथा नकली दवा की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के निर्देश दे।”

इसमें कहा गया, “भारतीय औषधि महानियंत्रक, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन, स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार, नयी दिल्ली को भी नकली दवाओं की आपूर्ति की जांच करने और राज्यों की सभी क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं को नकली दवाओं के नमूने एकत्र करने और नमूना परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश देने का निर्देश दिया जाता है।”

नोटिस में कहा गया है कि अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है।

एनएचआरसी ने कहा कि शिकायतकर्ता ने बच्चों की मौत को दवा सुरक्षा, विनियमन और निगरानी प्रणालियों की गंभीर विफलता बताया है, जो जीवन, स्वास्थ्य और सुरक्षित दवाओं तक पहुंच के अधिकार सहित उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।

भाषा प्रशांत रंजन

रंजन

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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