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Monday, 6 October, 2025
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बाढ़ प्रभावित उत्तर बंगाल में भाजपा नेताओं पर हमले के बाद ममता ने शांति की अपील की

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कोलकाता, छह अक्टूबर (भाषा) उत्तर बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों के दौरे के दौरान उग्र भीड़ के कथित हमले में मालदा उत्तर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद खगेन मुर्मू और सिलीगुड़ी विधायक शंकर घोष के घायल होने के कुछ घंटे बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को लोगों से संयम और एकता की अपील की तथा उनसे मौजूदा संकट के बीच ‘‘किसी भी अप्रिय घटना’’ में शामिल न होने का आग्रह किया।

स्थिति की समीक्षा के लिए सोमवार दोपहर उत्तर बंगाल पहुंचीं बनर्जी ने सोशल मीडिया पर एक भावुक संदेश पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने ऐसे समय में धैर्य और एकजुटता का आह्वान किया जब इस प्राकृतिक आपदा के कारण ‘‘कई लोगों को भारी नुकसान हुआ है’’।

बनर्जी ने किसी का नाम लिये बिना लिखा, ‘‘मेरी विनम्र अपील है कि इस आपदा में कई लोगों को गंभीर नुकसान हुआ है। हम उनके प्रति गहरी सहानुभूति रखते हैं। इस कठिन समय में भी हमें याद रखना चाहिए कि एकता और धैर्य ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।’’

मुख्यमंत्री ने लोगों से ‘‘शांति कायम रखने, अफवाहों से बचने और आसपास के लोगों के साथ सहयोग करने’’ का आग्रह किया तथा कहा कि सरकार एवं प्रशासन ‘‘प्रभावित लोगों के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं।’’

बनर्जी ने अपने पोस्ट में कहा, ‘‘कृपया शांति बनाये रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और अपने आस-पास के लोगों की मदद करें। इस समय कोई भी अप्रिय घटना अवांछनीय है। हम सब मिलकर इस संकट से उबरेंगे।’’

हालांकि उन्होंने किसी का नाम लेने से परहेज किया, लेकिन बनर्जी का यह संदेश जलपाईगुड़ी जिले के नागराकाटा इलाके में मुर्मू और घोष पर कथित हमले की खबरें आने के तुरंत बाद आया।

दोनों नेताओं पर सोमवार सुबह बामन डांगा में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करते समय कथित तौर पर भीड़ ने हमला किया।

भाजपा सूत्रों के अनुसार, इलाके में प्रवेश करने से पहले दोनों को विरोध का सामना करना पड़ा।

घोष ने आरोप लगाया, ‘‘लाठी, जूते और पत्थरों से लैस भीड़ अचानक हम पर टूट पड़ी। उन्होंने नदी के डूब क्षेत्र से पत्थर उठाकर हमारे काफिले पर फेंके।’’

मुर्मू के सिर में चोट आई और स्थानीय अस्पताल ले जाने से पहले उनके शरीर से बहुत खून बह रहा था। उनके साथ घोष को भी अस्पताल ले जाया गया।

भाजपा ने इस हमले के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और इसे ‘‘विपक्षी आवाजों को दबाने का कायराना प्रयास’’ बताया।

पार्टी नेताओं ने घटना के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोपों को खारिज करते हुए दावा किया कि यह घटना मानवीय संकट के दौरान भाजपा की ‘फोटो खिंचवाने की राजनीति’ से निराश स्थानीय लोगों की एक सहज प्रतिक्रिया थी।

इस हमले के बाद पूरे उत्तर बंगाल में राजनीतिक तनाव फैल गया, जहां भाजपा ने कई जिलों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिए, जबकि प्रशासन लगातार बारिश से हुए भूस्खलन, उफनती नदियों और व्यापक विनाश के बाद की स्थिति से जूझ रहा था।

बनर्जी ने कहा कि सरकार ‘‘लोगों की पीड़ा के प्रति बेहद संवेदनशील’’ है और राहत अभियान युद्धस्तर पर चलाए जा रहे हैं। वह इस क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं।

उन्होंने ‘बांटने की राजनीति’ पर एकजुटता को तरजीह देने की आवश्यकता जताते हुए कहा, ‘‘इस चुनौतीपूर्ण क्षण में साहस, धैर्य और करुणा हमारा मार्गदर्शन करेंगे।’’

मुख्यमंत्री के जलपाईगुड़ी, दार्जिलिंग, मिरिक सहित प्रभावित जिलों का दौरा करने की उम्मीद है, जहां पिछले कुछ दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश के कारण भीषण बाढ़, भूस्खलन और विस्थापन की घटनाएं हुई हैं।

भाषा सुरेश पवनेश

पवनेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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