गोरखपुर (उत्तर प्रदेश), एक अक्टूबर (भाषा) मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को शारदीय नवरात्र की महानवमी के अवसर पर गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुरूप गोरखनाथ मंदिर में कन्या पूजन किया।
इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के चरण पखारे, विधि-विधान से उनका पूजन किया, उन्हें चुनरी ओढ़ाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया और दक्षिणा तथा उपहार देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया। उन्होंने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, बुधवार को मुख्यमंत्री ने मंदिर के अन्न क्षेत्र की पहली मंज़िल पर स्थित भोजन कक्ष में पीतल की परात में जल भरकर नौ नन्ही बालिकाओं के चरण बारी-बारी से धोए। दुर्गा सप्तशती के मंत्रोच्चार के बीच उनके ललाट पर रोली, चंदन, दही, अक्षत आदि से तिलक किया गया, पुष्प और दुर्वा से अभिषेक किया गया, फिर माला पहनाकर, चुनरी ओढ़ाकर, उपहार व दक्षिणा अर्पित करते हुए उनका आशीर्वाद लिया गया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने छह माह की एक बालिका के भी पांव पखारे और विधिवत पूजन कर आशीर्वाद लिया। साथ ही, हनुमानजी के वेश में उपस्थित एक बालक को उन्होंने तिलक कर माला पहनाई और अंगवस्त्र भेंट किया।
पूजन उपरांत मुख्यमंत्री ने कन्याओं और बटुकों को मंदिर की रसोई में बना ताजा भोजन अपने हाथों से परोसा। नौ कन्याओं के अतिरिक्त बड़ी संख्या में उपस्थित बालिकाओं और बटुकों का भी पूजन कर उन्होंने आरती उतारी और सभी को श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर उपहार व दक्षिणा प्रदान की।
मुख्यमंत्री के हाथों से सम्मान और स्नेह प्राप्त करने के लिए बालिकाओं और बटुकों में उत्साह देखते ही बनता था। मुख्यमंत्री ने प्रेमपूर्वक एक-एक कर नौ कन्याओं और बटुक भैरवों के चरण पखारे और पूजन किया। दक्षिणा मिलने पर बालिकाएं अत्यंत प्रफुल्लित दिखाई दीं।
भोजन परोसते समय मुख्यमंत्री बच्चों से संवाद भी करते रहे और यह सुनिश्चित किया कि किसी भी बालक या बालिका की थाली में प्रसाद की कोई कमी न रहे। इस संबंध में वे मंदिर की व्यवस्थाओं से जुड़े अधिकारियों को आवश्यक निर्देश भी देते रहे।
कन्या पूजन के दौरान गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, काशी से आए जगद्गुरु स्वामी संतोषाचार्य सतुआ बाबा सहित अन्य संतजन भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कन्या पूजन से पूर्व प्रातःकालीन पूजन सत्र में मंदिर के शक्तिपीठ में मां सिद्धिदात्री की विधिपूर्वक आराधना की।
भाषा जफर
मनीषा
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