कलबुर्गी (कर्नाटक), 30 सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि शुरुआती अनुमानों के अनुसार राज्य में बारिश और बाढ़ के कारण 10 लाख हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र पर फसलें बर्बाद हुई हैं और उनकी सरकार राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष (एनडीआरएफ) के तहत दी जाने वाली राशि के अलावा 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से अतिरिक्त मुआवजा देगी।
कलबुर्गी, बीदर, यादगिरी और विजयपुरा ज़िलों में बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद सिद्धरमैया ने कहा कि राज्य सरकार केंद्र से फसलों और क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे के लिए अतिरिक्त मुआवजे का अनुरोध करेगी।
मुख्यमंत्री ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा, “एक जून से अब तक बारिश से जुड़ी घटनाओं में राज्य में 52 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 15 लोगों की मौत दीवार गिरने से और 23 की डूबने या बह जाने से हुई। सभी मृतकों के परिजनों को मुआवज़ा दे दिया गया है।”
उन्होंने बताया कि कुल 422 पशुओं की मौत हुई है और अब तक 407 पशुओं के मालिकों को मुआवज़ा वितरित किया जा चुका है।
यह देखते हुए कि अब तक केवल पांच लाख हेक्टेयर का संयुक्त सर्वेक्षण किया गया है, सिद्धरमैया ने कहा, “प्रारंभिक रिपोर्टों से लगभग 10 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में फसलों को हुई क्षति का संकेत मिलता है। हम जल्द ही सर्वेक्षण पूरा करने और किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’
सिद्धरमैया ने बताया कि प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, लगभग 9,60,578 हेक्टेयर क्षेत्र पर फसलें क्षतिग्रस्त हुई हैं, जिसमें 8,88,953 हेक्टेयर कृषि फसलें और 71,624 हेक्टेयर बागवानी फसलें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि एनडीआरएफ के मानदंडों के अनुसार, शुष्क भूमि के लिए 8,500 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित भूमि के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के लिए 22,500 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवजा दिया जाता है।
उन्होंने कहा, “सर्वेक्षण पूरा होते ही यह धनराशि जारी कर दी जाएगी।”
अतिरिक्त सहायता की घोषणा करते हुए सिद्धरमैया ने कहा, “राज्य सरकार प्रति हेक्टेयर 8,500 रुपये की अतिरिक्त सहायता प्रदान करेगी। शुष्क भूमि के लिए 17,000 रुपये प्रति हेक्टेयर, सिंचित भूमि के लिए 25,500 रुपये प्रति हेक्टेयर और बारहमासी फसलों के लिए 31,000 रुपये प्रति हेक्टेयर मुआवज़ा दिया जाएगा।”
भाषा जोहेब सुरेश
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