scorecardresearch
Tuesday, 30 September, 2025
होमदेशचैतन्यानंद सरस्वती के फोन से उसकी करतूतों का खुलासा, चुपके से खींचीं छात्राओं की तस्वीरें

चैतन्यानंद सरस्वती के फोन से उसकी करतूतों का खुलासा, चुपके से खींचीं छात्राओं की तस्वीरें

Text Size:

नयी दिल्ली, 30 सितंबर (भाषा) दिल्ली के एक निजी संस्थान में 17 छात्राओं के यौन उत्पीड़न के आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती ने महिलाओं व कर्मचारियों की गुप्त रूप से तस्वीरें खींचीं थीं, उनसे अश्लील बातचीत की थीं और सीसीटीवी निगरानी ऐप के जरिए छात्राओं की जासूसी भी की थी। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस ने बताया कि कई दिनों तक फरार रहने के बाद रविवार को आगरा से गिरफ्तार किए गए सरस्वती का सामना उनकी तीन महिला सहयोगियों से भी कराया जा रहा है।

पुलिस के मुताबिक, ये तीनों बहनें हैं और इन्होंने छात्राओं को कथित तौर पर धमकाया और उन्हें अश्लील संदेशों को डिलीट करने के लिए मजबूर किया।

पुलिस ने बताया कि इन तीन महिलाओं में से एक संस्थान की डीन और दो अन्य वार्डन थीं।

अधिकारी ने बताया कि स्वयंभू बाबा के फोन की जब्ती से उसके ‘हिंसक’ व्यवहार का पता चला।

उन्होंने बताया कि आरोपी ने गुप्त रूप से छात्राओं और कर्मचारियों की तस्वीरें ली थीं।

एक अधिकारी ने बताया, “गिरफ्तारी से कुछ दिन पहले की चैट में उसे महिलाओं से अश्लील बातें करते हुए देखा जा सकता है। एक बातचीत में, उसने एक महिला से उसे रिझाने के लिए कहा और उसे गले लगाने व चूमने वाले इमोजी भेजे। उसने इस काम के लिए महिला को ऑनलाइन भुगतान भी किया।”

उन्होंने बताया, “वह महिलाओं को एअरहोस्टेस या अपने संस्थान में पद दिलाने का वादा करके लुभाता था और इसी बहाने बातचीत शुरू करता था।”

पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद का कार्यालय एक महंगे होटल जैसा था ताकि उससे मिलने आने वाली महिलाओं को प्रभावित किया जा सके।

पुलिस के मुताबिक, आरोपी बाबा महिलाओं को गहने सहित महंगे उपहार देता था और उनसे योग करते हुए अपनी तस्वीरें व वीडियो साझा करने को कहता था।

पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद के मोबाइल फोन में एक सीसीटीवी मॉनिटरिंग ऐप भी मिला है, जिसके जरिए वह परिसर और छात्रावास में छात्राओं पर नजर रखता था।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “जांच में पता चला कि फरार रहने की अवधि में आरोपी ने लंदन के नंबरों का इस्तेमाल पकड़े जाने से बचने के लिए किया था। लेकिन आखिरकार उसके आईपी एड्रेस के जरिए उसका पता लगा लिया गया।”

उन्होंने बताया कि खुद को बचाने के लिए चैतन्यानंद अक्सर प्रभावशाली हस्तियों के नाम लेता था और उसने भारत के प्रधान न्यायाधीश के नाम पर पुलिस को धमकाया और प्रभाव व समर्थन हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से अपने संबंधों का झूठा दावा किया।

अधिकारी ने बताया कि आरोपी बाबा जांच में सहयोग नहीं कर रहा था और उसने कई मौकों पर पूछताछ करने वालों को गुमराह करने की कोशिश की।

उन्होंने बताया, “चैतन्यानंद को अपने किए पर कोई पछतावा नहीं है और वह गोलमोल जवाब दे रहा है।”

पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद पूछताछ के दौरान बार-बार झूठ बोलता रहा और यहां तक कि सबूतों के सामने आने पर भी उसने मुंह नहीं खोला।

पुलिस के मुताबिक, दस्तावेज और डिजिटल सबूत दिखाए जाने पर भी चैतन्यानंद सरस्वती अनिच्छा से जवाब देता है।

पुलिस ने बताया कि चैतन्यानंद को सोमवार को संस्थान परिसर में उन जगहों की पहचान करने के लिए ले जाया गया जहां उसने कथित तौर पर पीड़ित महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया था।

भाषा जितेंद्र संतोष

संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments