गुरुग्राम: लंबे इंतज़ार के बाद, ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी (एआईसीसी) ने सोमवार को पूर्व राज्य मंत्री राव नरेन्द्र सिंह को हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी (एचपीसीसी) का अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा को हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस विधायिका दल (सीएलपी) का नेता नियुक्त किया. ये नियुक्तियां तत्काल प्रभाव से लागू होंगी.
विधानसभा में सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता होने के नाते, हुड्डा फिर से विपक्षी नेता की भूमिका संभालेंगे, जो उन्होंने 2019 से 2024 तक निभाई थी.
कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, “सम्माननीय कांग्रेस अध्यक्ष ने श्री राव नरेन्द्र सिंह को तत्काल प्रभाव से हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमिटी का अध्यक्ष नियुक्त किया है.”
कांग्रेस हाईकमान द्वारा पूर्व मंत्री और विधानसभा में मेरे साथी रहे @RaoNarenderS जी को हरियाणा कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
हमें विश्वास है आपके नेतृत्व में संगठन और मजबूती व नयी दिशा पाएगा।
निवर्तमान अध्यक्ष @INCUdaiBhan जी का धन्यवाद। pic.twitter.com/pc0uQcc856
— Bhupinder Singh Hooda (@BhupinderShooda) September 29, 2025
विज्ञप्ति में यह भी उल्लेख किया गया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने हुड्डा को सीएलपी नेता नियुक्त करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी. हुड्डा ने एक्स पर राव नरेन्द्र सिंह के साथ अपनी तस्वीर पोस्ट कर उन्हें बधाई दी और पूर्व एचपीसीसी अध्यक्ष उदय भान का धन्यवाद किया. एआईसीसी ने भी उदय भान के योगदान को स्वीकार किया.
यह नियुक्तियां हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लगभग एक साल बाद आई हैं, जब कांग्रेस सत्ता में लौटने में असफल रही, जबकि चुनाव पूर्व अनुमान अनुकूल परिणाम की ओर संकेत कर रहे थे.
नए राज्य कांग्रेस प्रमुख राव नरेन्द्र सिंह (62), हुड्डा सरकार में 2009-2014 तक स्वास्थ्य मंत्री रहे. उन्हें 2009 में नारनौल से हरियाणा विधानसभा के लिए कुलदीप बिश्नोई की हरियाणा जनहित कांग्रेस के टिकट पर चुना गया था.
हालांकि, विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद वह चार अन्य के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए और हुड्डा 2.0 सरकार में मंत्री बने. उनके पिता राव बंसी सिंह भी हरियाणा में मंत्री रह चुके हैं.
राव नरेन्द्र सिंह ने 2014, 2019 और 2024 में विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन सफल नहीं हुए. उनके 2024 के हलफनामे के अनुसार, उन पर राज्य सतर्कता ब्यूरो (गुरुग्राम) द्वारा भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7 और 13(1)(d) के तहत आपराधिक मामला दर्ज है. यह मामला लोकायुक्त के आदेश पर उन पर और चार अन्य कांग्रेस विधायकों—जर्नैल सिंह, विनोद भायाना, रामनिवास घोरेला और नरेश सेलवाल के खिलाफ स्टिंग ऑपरेशन के आधार पर दर्ज किया गया.
राव नरेन्द्र सिंह की एचपीसीसी अध्यक्ष नियुक्ति को कांग्रेस की ओबीसी मतदाताओं को लुभाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है, जो 2014 से भाजपा की ओर झुकते दिख रहे हैं.
वहीं, हुड्डा का फिर से सीएलपी नेता बनना अपेक्षित था क्योंकि हरियाणा के 37 कांग्रेस विधायकों में से अधिकांश उनकी निष्ठा रखते हैं. हुड्डा, जो 2005 से 2014 तक हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे, 2005 में हाई कमांड द्वारा राज्य कांग्रेस का नेतृत्व करने के लिए नियुक्त किए जाने के बाद से राज्य कांग्रेस के चेहरे रहे हैं.
एआईसीसी महासचिव कुमारी सैलजा और पूर्व सांसद बृजेन्द्र सिंह ने एक्स पर पोस्ट करके हुड्डा और राव नरेन्द्र सिंह को बधाई दी. वहीं, पूर्व हरियाणा मंत्री कैप्टन अजय यादव खुश नहीं दिखे.
यादव ने एक्स पर लिखा, “कांग्रेस को हरियाणा में पार्टी की गिरती स्थिति को लेकर आत्ममंथन करने की ज़रूरत है. राहुल गांधी जी चाहते थे कि हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष का साफ, बेदाग और युवा इमेज हो, लेकिन फैसला इसके विपरीत है. पार्टी कार्यकर्ता का मनोबल सबसे निचले स्तर पर है.”
(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
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