गुरुग्राम: एक पहले से साफ़ शहर को साफ कैसे दिखाएं? उसे पहले गंदा करके. यही किया चंडीगढ़ नगर निगम के कर्मचारियों ने, केंद्रीय शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के सेक्टर-22 मार्केट में स्वच्छता अभियान से ठीक पहले. अब निगम ने “कर्तव्य में लापरवाही” के लिए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दिए हैं.
चंडीगढ़ में 25 सितंबर को दीनदयाल उपाध्याय जयंती पर हुए स्वच्छता ही सेवा अभियान के तुरंत बाद खट्टर ने मास्क पहनकर झाड़ू लगाते हुए अपनी तस्वीरें एक्स पर पोस्ट कीं.
मनोहर लाल खट्टर के ऑफिस की ओर से 25 सितंबर को किया गया पोस्ट, जिसे खट्टर ने अपने निजी अकाउंट से री-पोस्ट किया, में लिखा था, “माननीय केंद्रीय मंत्री श्री @mlkhattar जी ने सेक्टर 22, चंडीगढ़ में नागरिकों के साथ ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ पहल में हिस्सा लिया.”
चंडीगढ़ नगर निगम ने भी 25 सितंबर को अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर तस्वीरें डालकर लिखा, “चंडीगढ़ के लिए गर्व का क्षण!! केंद्रीय मंत्री श्री मनोहर लाल खट्टर ने चंडीगढ़ में स्वच्छता ही सेवा अभियान में हिस्सा लिया! सेक्टर-22 में ‘एक दिन, एक घंटा, एक साथ’ सफ़ाई अभियान में भाग लिया.”
लेकिन इसके बाद सामने आई तस्वीरें और वीडियो वायरल हो गए. इनमें दिखा कि निगम कर्मचारी आधी रात को ट्रैक्टर-ट्रॉली भरकर सूखी पत्तियां और कागज़ के टुकड़े बाज़ार में डाल रहे हैं, ठीक खट्टर के अभियान से कुछ घंटे पहले. वीडियो में ट्रॉली पर साफ लिखा है—“नगर निगम चंडीगढ़”.
वीडियो वायरल होने के बाद नगर निगम ने दो अधिकारियों को “कर्तव्य में लापरवाही” के लिए निलंबित कर दिया. मेयर हरप्रीत कौर बाबला ने दिप्रिंट से शनिवार को बात करते हुए निलंबन आदेश की पुष्टि की.
निलंबित अधिकारियों के नाम चीफ सैनिटरी इंस्पेक्टर कुलबीर सिंह और सैनिटरी इंस्पेक्टर सुख प्रकाश शर्मा हैं. आयुक्त अमित कुमार द्वारा 26 सितंबर को जारी आदेश में लिखा गया, निम्नलिखित अधिकारी, कुलबीर सिंह (CSI) और सुखप्रकाश शर्मा, माननीय केंद्रीय मंत्री, आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय, श्री मनोहर लाल खट्टर जी के कार्यक्रम (25 सितंबर 2025) के दौरान कर्तव्य में लापरवाही के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित किए जाते हैं. निलंबन अवधि में दोनों अधिकारियों को MOH (मेडिकल ऑफिसर ऑफ हेल्थ) कार्यालय में रिपोर्ट करने का आदेश दिया जाता है.”
सेक्टर-22 मार्केट के पीछे सरकारी आवासों में रहने वाले एक हरियाणा सरकार के कर्मचारी ने दिप्रिंट को बताया कि बुधवार सुबह सैर पर निकलते समय बाज़ार में असामान्य रूप से ज़्यादा कचरा देखकर वे चौंक गए.
उन्होंने कहा, “चंडीगढ़ के लोग वैसे नहीं हैं जैसे गाँव या छोटे शहरों में देखने को मिलते हैं. यहां लोग हमेशा खाली बोतलें, थैले या दूसरा कचरा बाज़ार में लगे ड्राई-वेट डिब्बों में डालते हैं. यहां सूखी पत्तियां तभी मिलती हैं जब पतझड़ का मौसम होता है. मैंने पेड़ों को देखा तो सब पर हरी पत्तियां थीं. ज़मीन पर बिखरी पत्तियां पास के पेड़ों से नहीं थीं.”
गौरतलब है कि चंडीगढ़ लगातार भारत के टॉप-10 सबसे साफ शहरों में शामिल रहता है.
निलंबन आदेश से पहले दिप्रिंट ने इस मुद्दे पर चंडीगढ़ नगर आयुक्त अमित कुमार से बात करने की कोशिश की थी. उन्होंने पूरा मामला सुना, लेकिन कॉल कट गई और बाद में मोबाइल पर भी कोई जवाब नहीं दिया. जब उन्हें वायरल वीडियो व्हाट्सएप पर भेजे गए तो उन्होंने छोटा सा जवाब दिया—“जांच जारी है.”
मेयर हरप्रीत कौर बाबला ने दिप्रिंट से कहा, “मैंने वीडियो देखने के बाद कमिश्नर से बात की और कहा कि ये बहुत बड़ी ग़लती हुई है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता. मैंने उनसे कहा है कि इसकी जांच कर दोषियों को सज़ा दी जाए ताकि हमारी छवि खराब न हो.”
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