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Wednesday, 29 October, 2025
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ब्रिटेन अवैध कामगारों पर नकेल कसने के लिए डिजिटल पहचान पत्र योजना लागू करेगा

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(अदिति खन्ना)

लंदन, 26 सितंबर (भाषा) ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने देश में अवैध रूप से काम करने वाले लोगों पर नकेल कसने के उद्देश्य से डिजिटल पहचान पत्र को अनिवार्य बनाने की अपनी योजना से शुक्रवार को पर्दा उठाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि डिजिटल पहचान पत्र के बिना कोई भी व्यक्ति ब्रिटेन में रोजगार हासिल नहीं कर सकेगा।

ब्रिटिश सरकार ने कहा कि यह पहचान पत्र ब्रिटेन के सभी नागरिकों और वैध निवासियों के लिए उपलब्ध होगा। उसने दावा किया कि इससे पहचान की पुष्टि के लिए दस्तावेजों के सत्यापन की जटिल प्रक्रिया से मुक्ति मिलेगी, समय की बचत होगी और कल्याणकारी योजनाओं का अधिक प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जा सकेगा।

दस डाउनिंग स्ट्रीट (ब्रिटिश प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास और कार्यालय) ने दुनिया के अन्य देशों में लागू इसी तरह की योजनाओं का जिक्र करते हुए भारत का उदाहरण दिया। उसने बताया कि भारत में किस तरह आधार कार्ड ने “कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में धोखाधड़ी और विसंगतियों को कम करके हर साल लगभग 10 अरब अमेरिकी डॉलर की बचत करने में सरकार की मदद की है।”

स्टार्मर ने लंदन में ‘ग्लोबल प्रोग्रेस एक्शन समिट’ में अपने संबोधन में कहा, “यह सरकार इस संसद का कार्यकाल समाप्त होने से पहले काम करने के अधिकार के लिए एक नया, निशुल्क डिजिटल पहचान पत्र अनिवार्य कर देगी।”

उन्होंने बताया कि डिजिटल पहचान पत्र 2029 तक तैयार कर लिए जाएंगे और लोग इसे अपने स्मार्टफोन पर दिखाकर कार्य सुविधा एवं कल्याणकारी योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।

स्टार्मर ने दो टूक कहा, “अगर आपके पास डिजिटल पहचान पत्र नहीं है, तो आपको ब्रिटेन में काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह एकदम स्पष्ट है।”

उन्होंने कहा, “कई वर्षों से लोगों के लिए यहां आना, अनौपचारिक अर्थव्यवस्था में काम करना और अवैध रूप से रहना बहुत आसान रहा है, क्योंकि सच कहूं तो, हम ऐसी बातें कहने से कतराते रहे हैं, जो साफ तौर पर सच हैं।”

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने कहा, “हमें यह जानना जरूरी है कि हमारे देश में कौन रह रहा है। अगर हम उस बाध्यकारी अनुबंध को बनाए रखना चाहते हैं, जिस पर हमारी राजनीति टिकी हुई है, तो हमारी आव्रजन प्रणाली का साफ-सुथरा होना जरूरी है, वरना लोगों का यह विश्वास कमजोर होगा कि हम उनके साथ खड़े हैं और उनके हित के लिए काम करते हैं।”

उन्होंने बताया कि नयी योजना में भारत, ऑस्ट्रेलिया, एस्टोनिया और डेनमार्क सहित अन्य देशों में पहले से लागू डिजिटल पहचान प्रणालियों के “सर्वोत्तम पहलुओं” को शामिल किया जाएगा।

आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, लोगों को अपना पहचान पत्र साथ रखने की जरूरत नहीं होगी या उनसे हर समय इसे दिखाने के लिए नहीं कहा जाएगा, लेकिन देश में काम करने के किसी व्यक्ति के अधिकार को साबित करने के जरिये के रूप में यह अनिवार्य होगा।

दस डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा, “इससे स्पष्ट संदेश जाएगा कि अगर आप अवैध रूप से यहां आते हैं, तो आप काम नहीं कर पाएंगे, जिससे लोग ऐसी खतरनाक यात्राओं से बचेंगे।”

भाषा पारुल नरेश

नरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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