(आठवें पैरा में संशोधन के साथ रिपीट)
मुंबई, 26 सितंबर (भाषा) अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को रुपया अपने अबतक के सबसे निचले स्तर से उबरता हुआ डॉलर के मुकाबले चार पैसे की बढ़त के साथ 88.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ। प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के कमजोर होने तथा कच्चे तेल की कीमतों में आई गिरावट के कारण रुपये में यह सुधार आया।
विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, विदेशी पूंजी की निरंतर निकासी और घरेलू शेयर बाजार में जोखिम से बचने की धारणा ने स्थानीय मुद्रा में तेज वृद्धि पर अंकुश लगाया, जबकि भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सफलता की उम्मीद ने रुपये को समर्थन दिया।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में, रुपया 88.72 पर खुला और 88.67-88.73 के सीमित दायरे में कारोबार करने के बाद 88.72 (अस्थायी) पर बंद हुआ, जो पिछले बंद भाव से चार पैसे की मजबूती को बताता है।
बृहस्पतिवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया एक पैसे गिरकर अबतक के सबसे निचले स्तर 88.76 पर बंद हुआ था।
फिनरेक्स ट्रेजरी एडवाइजर्स एलएलपी के ट्रेजरी प्रमुख और कार्यकारी निदेशक अनिल कुमार भंसाली ने कहा, ‘‘भारतीय रिजर्व बैंक ने सुबह बाजार में भारी हस्तक्षेप किया, जिससे रुपया 88.68 पर खुला…। ट्रंप के शुल्क के कारण शेयर बाजार और रुपये में लगातार गिरावट आई है।’’
उन्होंने कहा कि सोमवार को रुपये के 88.50-89.00 के दायरे में रहने की संभावना है।
इस बीच, छह मुद्राओं के समूह के मुकाबले डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 98.37 पर रहा।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा कारोबार में 0.39 प्रतिशत टूटकर (रिपीट टूटकर) 69.15 डॉलर प्रति बैरल पर रहा।
घरेलू शेयर बाजार में, सेंसेक्स 733.22 अंक गिरकर 80,426.46 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 236.15 अंक टूटकर 24,654.70 पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध बिकवाल रहे। उन्होंने बृहस्पतिवार को 4,995.42 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
भाषा राजेश राजेश रमण
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