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Monday, 22 September, 2025
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परमाणु नियामक ने माही-बांसवाड़ा परियोजना के लिए अणुशक्ति विद्युत निगम को मंजूरी हस्तांतरित की

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नयी दिल्ली, 22 सितंबर (भाषा) भारत के परमाणु नियामक एईआरबी ने माही-बांसवाड़ा परमाणु ऊर्जा परियोजना के लिए स्थल चयन सहमति को भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) से अणुशक्ति विद्युत निगम को हस्तांतरित कर दिया है।

एनपीसीआईएल एक संयुक्त उद्यम कंपनी है जो 2,800 मेगावाट की परियोजना का विकास कर रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 25 सितंबर को माही-बांसवाड़ा राजस्थान परमाणु ऊर्जा परियोजना (एमबीआरएपीपी) की आधारशिला रखेंगे। इस परियोजना के जरिये राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है।

अणुशक्ति विद्युत निगम (अश्विनी), भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और राष्ट्रीय ताप विद्युत निगम (एनटीपीसी) का एक संयुक्त उद्यम है। मई में, परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड (एईआरबी) ने एनपीसीआईएल को एमबीआरएपीपी के लिए स्थल चयन की अनुमति दी।

एईआरबी के अध्यक्ष दिनेश कुमार शुक्ला ने कहा, ‘इस हस्तांतरण के साथ, अश्विनी एमबीआरएपीपी-1 से 4 के पूरे जीवनकाल में नियामक आवश्यकताओं के अनुपालन को सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार संगठन होगा।’

एमबीआरएपीपी के तहत 700 मेगावाट क्षमता वाले चार स्वदेशी रूप से विकसित दबावयुक्त भारी जल रिएक्टर (पीएचडब्ल्यूआर) बनाए जा रहे हैं।

परियोजना स्थल बांसवाड़ा जिले में नापला के पास माही नदी के किनारे स्थित है।

वर्तमान में, एनपीसीआईएल और भारतीय नाभिकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) को परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण और संचालन की अनुमति है।

परमाणु ऊर्जा अधिनियम, 1962 में 2015 में किए गए संशोधन ने एनपीसीआईएल और अन्य सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के बीच परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण के लिए संयुक्त उद्यमों का मार्ग प्रशस्त किया।

एनटीपीसी के अलावा, एनपीसीआईएल ने वाणिज्यिक आधार पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र विकसित करने के लिए इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (आईओसी) के साथ भी संयुक्त उद्यम स्थापित किया है।

भाषा आशीष माधव

माधव

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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