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Monday, 18 November, 2024
होम50 शब्दों में मतविभिन्न भाषाओं में मोदी का सब कुछ ठीक कहना, भारत की वास्तविकता को नहीं बदल सकता

विभिन्न भाषाओं में मोदी का सब कुछ ठीक कहना, भारत की वास्तविकता को नहीं बदल सकता

दिप्रिंट का महत्वपूर्ण मामलों पर सबसे तेज नज़रिया.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहे कितनी भी भाषाओं में कहें कि भारत में सब कुछ ठीक है, लेकिन देश में सब कुछ ठीक नहीं है. ह्यूस्टन में ‘हाउडी मोदी’ कार्यक्रम में मोदी का भाषण भारत की कूटनीति और राजनीति को दर्शाता है, पर तथ्यात्मक नहीं है. आर्थिक मंदी, बेरोज़गारी और कश्मीर की चुनौती वास्तविक हैं. इससे इनकार करना कोई समाधान नहीं है.

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1 टिप्पणी

  1. यूपी सरकार की कार्यशैली पक्षपातपूर्ण व एक धृष्टतापूर्ण आचरण का अनुपम उदाहरण है 1पीड़िता के साफ बयान हो जाने के बाद भी चिमयनन्द को गिरफ्तार करने में इतनी देरी,सही धारा न लगाना और इसके विपरीत पीड़िता को ही गिरफ्तार करना एक लोकतंत्र में एक निर्लज्ज तानाशाही की निशानी है।

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