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Wednesday, 20 November, 2024
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लखनऊ के एसजीपीजीआई में दाखिल हुए चिन्मयानंद, पीड़िता को गिरफ्तार कर सकती है एसआईटी

चिन्मयानंद को फिलहाल कॉर्डियोलॉजी विभाग में रखा गया है. विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के. गोयल मरीज की प्राथमिक चिकित्सकीय जांच कर रहे हैं.

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लखनऊ :  यौन उत्पीड़न के आरोप में जेल भेजे गये पूर्व केंद्रीय गृह राज्यमंत्री चिन्मयानंद को लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई में दाखिल कराया गया है. अस्पताल पहुंचते ही उन्हें कॉर्डियोलॉजी विभाग प्रमुख ने अपनी निगरानी में लेकर प्राथमिक जांच शुरू कर दी है. हालांकि, एसजीपीजीआई से पहले चिन्मयानंद को केजीएमयू में दाखिल कराने का इरादा था, लेकिन अज्ञात कारणों से ऐन वक्त पर कार्यक्रम में तब्दीली कर दी गई. लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के बजाय एसजीपीजीआई में चिन्मयानंद को दाखिल कराये जाने की पुष्टि आईएएनएस से बातचीत में एसजीपीजीआई प्रवक्त आशुतोष सोती ने भी की है.

उन्होंने बताया, ‘आसपास आरोपी को शाहजहांपुर जेल से दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल में दाखिल कराया गया है.’ प्रवक्ता ने आगे बताया, ‘चिन्मयानंद को फिलहाल कॉर्डियोलॉजी विभाग में रखा गया है. विभागाध्यक्ष डॉ. पी.के. गोयल मरीज की प्राथमिक चिकित्सकीय जांच कर रहे हैं.’

अस्पताल प्रशासन ने विस्तृत जांच बुलेटिन देर शाम जारी किए जाने की उम्मीद जताई है.

एसआईटी को आज मिल सकती है पीड़िता को गिरफ्तार करने की इजाजत!

देश की राजनीति में भूचाल ला देने वाले स्वामी चिन्मयानंद कांड के लिए आज का दिन काफी अहम है. मामले की जांच कर रही उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी) के प्रमुख सोमवार को हाईकोर्ट की विशेष पीठ के सामने पेश होने के लिए पीड़िता के साथ इलाहाबाद (प्रयागराज) पहुंच चुके हैं. आज उन्हें अब तक इस मामले में हुई प्रगति रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में पेश करनी है.

एसआईटी से मिली रिपोर्ट के आधार पर हाईकोर्ट की विशेष बेंच, पीड़िता को भी गिरफ्तार करने की इजाजत एसआईटी को आज ही देगी या नहीं, इस अहम सवाल का जवाब कुछ देर में ही मिलने की उम्मीद की जा रही है.

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन राज्य सरकार ने किया था. साथ ही एसआईटी पर निगरानी के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय विशेष पीठ भी बनाई गई थी. पूर्व निर्धारित तिथि के अनुसार सोमवार को (आज 23 सितंबर) एसआईटी प्रमुख को प्रगति रिपोर्ट के साथ हाईकोर्ट की इस विशेष बेंच के सामने पेश होना है.

उम्मीद है कि आज दिन में किसी भी समय यह रिपोर्ट एसआईटी द्वारा हाईकोर्ट की विशेष पीठ सौंपी जा सकती है. इस संभावना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है कि पीड़िता भी साथ ही पेश की जाए.

एसआईटी द्वारा पीड़िता को साथ ले जाकर हाईकोर्ट पीठ के सामने पेश किए जाने की वजह है, कि वह अब तक की जांच से संतुष्ट है या नहीं. साथ ही उसने शाहजहांपुर कोर्ट में दिए बयानों में स्वामी पर दुष्कर्म का जो आरोप लगाया है, उन आरोपों में कितना दम है? यह भी आज ही हाईकोर्ट की इस विशेष बेंच के सामने तय हो जाने की उम्मीद जताई जा रही है.

इन सबसे ऊपर पीड़िता को एसआईटी द्वारा आज हाईकोर्ट की इस विशेष बेंच के सामने पेश किए जाने की सबसे बड़ी जो वजह है, वो है मामले में अब तक सामने आए सनसनीखेज खुलासे. जिनमें पता चला कि पीड़िता के कुछ साथी स्वामी को आपत्तिजनक वीडियो के जरिए फंसाकर मोटी रकम वसूलने की फिराक में थे. गवाह-सबूत हाथ लगते ही एसआईटी ने पीड़िता के तीन साथियों को गिरफ्तार करके स्वामी के साथ ही जेल में डाल दिया था.

जबरन धन वसूली के मामले में एसआईटी ने पीड़िता की मां की भूमिका भी संदिग्ध पाई थी. लिहाजा एफआईआर में उसका नाम भी एसआईटी ने शामिल कर लिया था. पड़ताल के दौरान, ब्लैकमेल कर जबरन धन वसूली के तथ्य के बाद पीड़िता की भी भूमिका पूरे मामले में कहीं न कहीं संदिग्ध हो चली है.

एसआईटी के एक सूत्र के मुताबिक, ‘स्वामी के आपत्तिजनक वीडियो जब पीड़िता ने खुद बनाए तो फिर आखिर वे वीडियो मामले में गिरफ्तार किए जा चुके मुलजिमों के पास कैसे पहुंच गए? बिना पीड़िता की मदद या अनुमति के. ऐसे में स्वामी से जबरन धन वसूली के मामले में क्या पीड़िता को भी गिरफ्तार कर लिया जाए? इस बात को दिशा-निर्देश मामले की जांच की निगरानी कर रही इलाहाबाद हाईकोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ही तय करेगी.’

सूत्र बताते हैं कि अगर बेंच ने एसआईटी को इजाजत दे दी तो वह अविलंब ही पीड़िता को भी गिरोह बनाकर स्वामी से जबरन धन वसूली के आरोप में गिरफ्तार कर सकती है, मगर सब कुछ एसआईटी की सीलबंद रिपोर्ट में पेश सबूतों और हाईकोर्ट के निर्देशों पर ही निर्भर होगा.

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