नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली में ‘सिग्नेचर व्यू’ अपार्टमेंट के निर्माण में गुणवत्ता और संरचनात्मक सुरक्षा से कथित रूप से समझौता करने के लिए दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) के सेवानिवृत्त 28 अधिकारियों और दो निजी ठेकेदारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि प्राथमिकी में ‘भारत टेस्ट हाउस’ और ‘दिल्ली टेस्ट हाउस’ इन दो परीक्षण एजेंसियों के साथ ही ‘विनर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ और ‘ग्रोवर कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड’ के ठेकेदारों तथा डीडीए के अधिकारियों के भी नाम हैं, जो 2007-09 में मुखर्जी नगर में 336 एचआईजी और एमआईजी फ्लैट वाले अपार्टमेंट परिसर के निर्माण के लिए जिम्मेदार थे।
प्राथमिकी में कहा गया है, ‘‘आरोप है कि डीडीए के आरोपी सरकारी कर्मियों ने कंपनियों के निदेशकों के साथ मिलकर षडयंत्र रचा और अनुबंध तथा सीपीडब्ल्यूडी मैनुअल में गुणवत्ता नियंत्रण को नजरअंदाज किया तथा निर्माण के दौरान गुणवत्ता एवं संरचनात्मक सुरक्षा आवश्यकताओं से समझौता किया।’’
इसमें कहा गया है कि घटिया निर्माण और घटिया सामग्री के कारण निर्माण के 10 साल के भीतर ही इमारतों को रहने के लिए असुरक्षित घोषित कर दिया गया और इससे डीडीए को 45 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ और अधिकारियों को गलत लाभ हुआ।
वर्ष 2011-2012 में निवासियों को आवंटित इन भवनों में निर्माण संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो गईं, जिसके कारण उन्हें डीडीए से संपर्क करना पड़ा।
डीडीए के आदेश पर आईआईटी-दिल्ली द्वारा किए गए 2021-2022 के अध्ययन में इमारतों को संरचनात्मक रूप से असुरक्षित पाया गया।
अध्ययन में यह भी सिफारिश की गई थी कि इमारतों को तुरंत खाली कराकर ध्वस्त कर दिया जाए।
भाषा यासिर सुरेश
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