ईटानगर, 15 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के पक्के केसांग जिले के नांगन्यो स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय (केजीबीवी) की कम से कम 90 छात्राओं ने अपने संस्थान में कथित तौर पर शिक्षकों की भारी कमी को उजागर करने के लिए लगभग 65 किलोमीटर तक मार्च किया।
एक अधिकारी ने बताया कि छात्राएं अपनी नीली स्कूल यूनिफॉर्म में रविवार को नांगन्यो गांव से पैदल मार्च पर निकलीं, पूरी रात चलीं और आज सुबह जिला मुख्यालय लेम्मी पहुंचीं।
रात और सुबह के उनके मार्च के वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर सामने आए। पीटीआई स्वतंत्र रूप से इन क्लिप की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं कर सका।
ग्यारहवी और बारहवीं कक्षा की छात्राओं के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने भूगोल और राजनीति विज्ञान में शिक्षकों की तत्काल नियुक्ति की मांग की।
छात्राएं पोस्टर लिए हुए थीं जिन पर लिखा था, ‘बिना शिक्षक वाला स्कूल बस एक इमारत है।’ उन्होंने अपनी मांग के समर्थन में नारे भी लगाए।
एक अधिकारी के अनुसार, स्कूल शिक्षा विभाग ने रैली के बाद शिक्षकों की भर्ती की।
प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि उनके पास कोई विकल्प नहीं बचा है, क्योंकि इन विषयों के अध्यापकों के लिए उनकी बार-बार की गई अपील पर स्कूल और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने कोई जवाब नहीं दिया।
पक्के केसांग स्कूल शिक्षा उपनिदेशक (डीडीएसई) दीपक तायेंग ने सोमवार को कहा, ‘छात्राएं स्कूल में शिक्षकों की भारी कमी का विरोध कर रही थीं।’
स्कूल की प्रधानाध्यापिका ने स्वीकार किया कि भूगोल और राजनीति विज्ञान के अध्यापकों की कमी है, लेकिन शेष विषयों के लिए पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हैं।
उन्होंने कहा कि अर्धवार्षिक परीक्षाओं के लिए पाठ्यक्रम पहले ही पूरा हो चुका है।
वर्ष 2011-12 में स्थापित इस स्कूल का प्रबंधन एक गैर सरकारी संगठन द्वारा किया जा रहा है और इसका उद्देश्य शैक्षिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में वंचित समुदायों की लड़कियों को शिक्षा प्रदान करना है।
वर्तमान में स्कूल में 90 से अधिक छात्राएं हैं। एक प्रधानाध्यापिका, एक वार्डन और कम से कम 13 शिक्षक हैं।
विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि विभाग नियमों के अनुसार काम कर रहा है और इस मुद्दे पर एनजीओ के अध्यक्ष से संपर्क किया गया है।
भाषा
शुभम नरेश
नरेश
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