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Saturday, 23 November, 2024
होमविदेशअमेरिका में कश्मीरी पंडित ने चूमा पीएम मोदी का हाथ, कहा- नया कश्मीर बनाने के लिए हम सरकार के साथ

अमेरिका में कश्मीरी पंडित ने चूमा पीएम मोदी का हाथ, कहा- नया कश्मीर बनाने के लिए हम सरकार के साथ

सुरेंद्र कौल ने कहा पीएम मोदी का हम इस धरती पर मौजूद 7 लाख कश्मीरी पंडित ऐतिहासिक फैसले (जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने) के लिए आभारी हैं.

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नई दिल्ली : पीएम हाउडी मोदी कार्यक्रम में शिरकत के लिए अमेरिका अपनी सात दिन की यात्र पर पहुंच चुके हैं. इस दौरान रविवार को कश्मीरी पंडितों का एक प्रतिनिधिमंडल पीएम मोदी से मिला. प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने मोदी का हाथ चूम लिया और 7 लाख कश्मीरी पंडितों की तरफ से उन्हें जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के लिए धन्यवाद कहा. सुरेंद्र कौल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कश्मीर पर हर फैसले का समुदाय की तरफ से समर्थन देने का आश्वासन दिया.

सुरेंद्र कौल ने कहा, ‘पीएम मोदी का हम इस धरती पर मौजूद 7 लाख कश्मीरी पंडित ऐतिहासिक फैसले (जम्मू-कश्मीर से 370 हटाने) के लिए आभारी हैं. हम उन्हें आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारा समुदाय कश्मीर में शांति, लोगों के समग्र खुशहाली और पूर्ण विकास के लिए सरकार के सपने के पूरा करने मिलकर काम करेंगे.

सुरेंद्र कौल, जो कि कश्मीरी पंडित समुदाय हैं. उन्होंने कहा कि पीएम ने हमें बताया कि आप लोग बहुत कष्ट झेल चुके हैं वे एक-दूसरे के साथ मिलकर नया कश्मीर बनाएंगे. हमने उन्हें बताया कि वह इसके लिए तैयार हैं. उन्होंने बताया कि समुदाय की ओर से एक ज्ञापन सौंपा गया जिसे पीएम ने खुशी से स्वीकार कर लिया.

कश्मीरी पंडितों की वापसी को लेकर मोदी से मिलेंगे अमेरिकी सीनेटर

अमेरिका के एक सीनेटर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हिंसक घटनाओं के कारण विस्थापित कश्मीरी पंडितों की स्वदेश वापसी की मांग की है. सीनेटर शेरॉड ब्राउन ने कहा है कि कश्मीरी पंडितों के स्वेदश में समय से पुनर्वास की दिशा में उठाए जाने वाले कदमों की गति तेज की जानी चाहिए.

उन्होंने जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम के संदर्भ में मोदी को पत्र लिखा है. पिछले महीने जम्मू-कश्मीर के विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया.

ब्राउन ने अपने पत्र में लिखा- ‘जम्मू-कश्मीर के हालिया घटनाक्रम के संबंध में मैं अपने पूर्व पत्र के अनुसार फिर कश्मीरी पंडितों के स्वदेश वापसी का समर्थन करता हूं.’

कश्मीर घाटी में अत्यंत अल्पसंख्यक बन चुके कश्मीरी पंडितों के पूरे समुदाय को आतंकवादियों द्वारा निशाना बनाए जाने बाद 1990 में उन्हें पलायन करने को मजबूर होना पड़ा.

इसके अलावा, मैंने पहले भी उस सकारात्मक संदेश का समर्थन किया था जो आपकी सरकार ने कश्मीरी पंडितों के खिलाफ हुए अन्याय का समाधान की करने की दिशा दिया था.

ब्राउन ने कहा, ‘मैं आपसे कश्मीरी प्रवासियों के लिए काम करने का आग्रह करता हूं जिससे उनकी आवाज सुनी जाए. सभी धार्मिक और जातीय अल्पसंख्यकों को राजनीतिक प्रक्रिया में हिस्सा लेने का अधिकार है जिससे जम्मू-कश्मीर का भविष्य तय होगा.’

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