(गौरी श्रीवास्तव)
दुबई, सात सितंबर (भाषा) नोबेल पुरस्कार से सम्मानित मोहन मुनासिंघे ने चेताया है कि परमाणु युद्ध का खतरा पहले से कहीं अधिक है। उन्होंने एशियाई नेताओं से शांति और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए पहल करने का आग्रह किया है।
मुनासिंघे ने हाल में चीन के तियानजिन शहर में हुए शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भारत, चीन और रूस के नेताओं के बीच हुई मैत्रीपूर्ण बातचीत को “वास्तविक रूप से विश्व शांति” का एक प्रतीकात्मक उदाहरण बताया।
पिछले हफ्ते दुबई में एक शांति पहल की शुरुआत के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में ‘पीटीआई-भाषा’ से बातचीत में मुनासिंघे ने कहा कि आज ‘ग्लोबल साउथ’, खासकर एशिया एक नेतृत्वकारी भूमिका में है।
‘ग्लोबल साउथ’ से तात्पर्य उन देशों से है, जिन्हें अक्सर विकासशील, कम विकसित या अविकसित के रूप में जाना जाता है। ये देश मुख्य रूप से अफ्रीका, एशिया और लातिन अमेरिका में स्थित हैं।
वर्ष 2007 में नोबेल शांति पुरस्कार के सह-प्राप्तकर्ता मुनासिंघे ने कहा, “अगर आपने हाल में हुए एससीओ शिखर सम्मेलन की तस्वीरें देखी हैं, तो उसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक साथ थे। ये एशिया के सबसे बड़े और सबसे शक्तिशाली देश हैं। यह बहुत प्रतीकात्मक है।”
इसे “वास्तविक विश्व शांति” बताते हुए उन्होंने कहा, “अगर नेता ऐसा कर सकते हैं, तो मुझे लगता है कि सभी लोग एकजुट हो सकते हैं।”
श्रीलंका के शिक्षाविद और अर्थशास्त्री मुनासिंघे को संयुक्त राष्ट्र के अंतर-सरकारी जलवायु परिवर्तन पैनल (आईपीसीसी) के उपाध्यक्ष के रूप में 2007 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था।
परमाणु युद्ध के “पहले से कहीं ज्यादा करीब होने” के बारे में अपने पुराने बयान से जुड़े एक सवाल के जवाब में मुनासिंघे ने कहा, “यह समय न केवल भारत और श्रीलंका के लिए, बल्कि पूरे एशिया के लिए है कि हम स्थिरता और शांति का रास्ता दिखाएं, जो दुनिया की पिछली ताकतें, खासकर पश्चिमी नेतृत्व, पहले नहीं दिखा पाईं। लेकिन हम उन्हें दिखाएंगे।”
बृहस्पतिवार को ‘आई एम पीसकीपर’ पहल की शुरुआत के अवसर पर मुनासिंघे ने कहा कि “परमाणु युद्ध पहले से कहीं ज्यादा करीब है” और इसे “हर कीमत पर टाला जाना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “विश्व शांति सरकारों या नेताओं के बजाय हम सभी पर ज्यादा निर्भर करती है। पृथ्वी और खुद को बचाने के लिए हमें एकजुट होना चाहिए, आइए शांति के लिए मिलकर काम करें।”
भारतीय फार्मा कंपनी वोकार्ड के कार्यकारी निदेशक और वोकार्ड फाउंडेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) डॉ. हुजैफा खोरकीवाला ने दुबई में ‘आई एम पीसकीपर इनिशिएटिव’ की शुरुआत की। इसका उद्देश्य ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को एक साथ लाना है, जो वैश्विक सद्भाव के लिए संवाद और समझ को बढ़ावा देने को तैयार हैं।
भाषा आशीष पारुल
पारुल
यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.