शाहजहांपुर : भारतीय जनता पार्टी के पूर्व सांसद स्वामी चिन्मयानंद को लंबे समय के इंतज़ार के बाद उनके मुमुक्षु आश्रम से गिरफ्तार कर लिया गया. स्वामी को शुक्रवार सुबह एसआईटी ने गिरफ्तार किया है. दुष्कर्म पीड़ता काफी दिनों से स्वामी चिन्मयानंद की गिरफ्तारी की मांग कर रही थी. गिरफ्तारी में हो रही देरी से पीड़िता ने आत्महत्या करने की धमकी भी दी थी.
कौन हैं स्वामी चिन्मयानंद
स्वामी चिन्मयानंद यूपी के गोंडा के निवासी हैं. बीजेपी से तीन बार सांसद रह चुके हैं. जौनपुर, बदायूं व मछलीशहर सीट से वह सांसद रहे हैं. वह अटल सरकार में गृह राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बीते साल 25 फरवरी को शाहजहांपुर गए थे. वहां उन्होंने स्वामी चिन्मयानंद के आश्रम में आयोजित मुमुक्षु युवा महोत्सव में भाग भी लिया था. चिन्मयानंद पर पहले भी रेप और अपहरण के आरोप लगे हैं.
योगी आदित्यनाथ के भी हैं करीबी
उत्तर प्रदेश में योगी सरकार बनते ही स्वामी चिन्मयानंद के ऊपर से पुराने केस खत्म करने की बात भी उठी थी. यूपी की सरकार की ओर से चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज रेप और अपहरण केस वापस लेने का फैसला भी लिया गया था. स्वामी चिन्मयानंद पर सात साल पहले नवंबर 2011 को शाहजहांपुर में एफआईआर दर्ज हुई थी. अपहरण और रेप का आरोप उनके ही आश्रम में कई वर्षों तक रहने वाली एक युवती ने लगाया था.
मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ मुमुक्षु युवा महोत्सव में हिस्सा लेने के लिए शाहजहांपुर के मुमुक्षु आश्रम भी गए थे जबकि उस वक़्त स्वामी चिन्मयानंद यौन शोषण के केस का सामना कर रहे थे. इस महोत्सव के दौरान ही एक वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें शाहजहांपुर के कुछ प्रशासनिक अधिकारी स्वामी चिन्मयानंद की आरती उतार रहे थे.
2018 में योगी सरकार ने पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री स्वामी चिन्मयानंद के खिलाफ दर्ज रेप और अपहरण केस वापस लेने का फैसला किया था.
राम मंदिर आंदोलन के समय राजनीति में की शुरुआत
बीजेपी से जुड़े एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘अस्सी के दशक में चिन्मयानंद शाहजहांपुर आ गए और स्वामी धर्मानंद के शिष्य बन कर उन्हीं के आश्रम में रहने लगे.वहां के मशहूर मुमुक्षु आश्रम की स्थापना धर्मानंद के गुरु स्वामी शुकदेवानंद ने की थी. अस्सी के दशक के अंतिम हिस्से में देश में राम मंदिर आंदोलन ज़ोर पकड़ रहा था.’
विश्व हिन्दू परिषद से जुड़े तमाम साधु-संत पहले इस आंदोलन से जुड़े. इस दौरान चिन्मयानंद भी इसमें शामिल हो गए. बीजेपी नेता के मुताबिक, मंदिर आंदोलन के समय चिन्मयानंद ने महंत अवैद्यनाथ (योगी आदित्यनाथ के गुरू) के साथ मिलकर राम मंदिर मुक्ति यज्ञ समिति बनाई और इसी के ज़रिए इन लोगों ने मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने लगे. बाद में दूसरे बड़े संत रामविलास वेदांती और रामचंद्र परमहंस समेत तमाम संतो को भी राम मंदिर आंदोलन से जोड़ लिया”
1991 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने उस बदायूं की सीट से स्वामी चिन्मयानंद को टिकट दिया जहां से उनका न तो कोई नाता था लेकिन मंदिर आंदोलन के कारण पैदा हुई लहर में उन्होंने ये चुनाव जीत लिया.
बीजेपी के एक बड़े नेता नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं कि साल 2014 में भी उन्होंने जौनपुर से चुनाव लड़ने के लिए काफ़ी प्रयास किया लेकिन टिकट पाने में असफल रहे.
बीजेपी के इस नेता के मुताबिक़, स्वामी चिन्मयानंद पार्टी से बग़ावत करके भी चुनाव लड़ने को तैयार थे लेकिन वरिष्ठ नेताओं के हस्तक्षेप के बाद इरादा बदल दिया. हालांकि, इसके बाद बीजेपी के संगठन में उनकी पकड़ कमजोर हो गई. मोदी-शाह की टीम में उन्हें विशेष तवज्जो नहीं मिली. इसी कारण वह बीजेपी की राजनीति में ज्यादा सक्रिय नहीं रहे. उनका ध्यान शाहजहांपुर व हरिद्वार के आश्रम से जुड़े कामों पर ही होने लगा.
दुष्कर्म का लगा है आरोप
यूपी के शाहजहांपुर जिले के एक निजी काॅलेज की लाॅ स्टूडेंट ने बीजेपी नेता व पूर्व गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद पर छात्राओं के साथ शारीरिक शोषण का आरोप लगाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था. परिजनों की तहरीर के बावजूद कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी. परिजनों ने स्वामी चिन्मयानंद पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी.
पीड़ित छात्रा ने मीडिया से बातचीत में कहा, ‘चिन्मयानंद ने मेरा रेप किया और उसके बाद एक साल तक शारीरिक शोषण किया. शाहजहांपुर पुलिस ने रेप का केस नहीं दर्ज किया. मैं जब दिल्ली में थी तब दिल्ली पुलिस ने केस दर्ज कर उसे शाहजहांपुर पुलिस को फॉरवर्ड किया था, मगर वह अब भी कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.’
उसने आगे बताया, ‘रविवार को एसआईटी ने मुझसे करीब 11 घंटे पूछताछ की. मैंने उन्हें रेप के बारे में बताया. उन्हें बताने के बाद भी अब तक चिन्मयानंद को नहीं गिरफ्तार किया गया है. ऐसा क्यों हो रहा है. वहीं जब उसके पिता ने चिन्मयानंद के खिलाफ शारीरिक शोषण के आरोप में मुकदमे की तहरीर दी थी तब मुकदमा दर्ज नहीं किया जा रहा था. मीडिया में मामला आने के बाद मुकदमा दर्ज हुआ.
पीड़िता ने ये भी कहा कि उसके पास सारे साक्ष्य मौजूद हैं. वह कॉलेज हॉस्टल के जिस कमरे में रहती थी उसे सील कर दिया गया है. उसे मीडिया के सामने खोला जाए. सही समय आने पर साक्ष्य (विडियो क्लिप) भी पेश कर देगी. लड़की ने कहा कि उसने अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा के लिए ही अपना वह विडियो वायरल किया था, जिसमें उसने चिन्मयानंद से जान का खतरा बताया था. वीडियो वायरल होते ही ये मामला चर्चा में आया था. इसके बाद छात्रा लापता हो गई थी. यूपी पुलिस की स्पेशल टीम राजस्थान से छात्रा को खोजकर लाई थी.
वीडियो वायरल होते ही छात्रा हुई थी गायब
गायब हुई छात्रा के पिता हरीश चंद्र शर्मा ने थाना कोतवाली के प्रभारी को दी तहरीर में लिखा था. उनकी बेटी ने काॅलेज प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. ये वीडियो वायरल होने के बाद से उनकी बेटी गायब है. वीडियो में छात्रा रो-रोकर सीएम और पीएम से मदद की गुहार लगा रही है. साथ ही ये बताया कि आरोपी प्रबंधक धमकी देता है कि डीएम और सभी अधिकारी हमारी जेब में रहते है इसलिए उसका कुछ नहीं हो सकता है. वहीं, छात्रा के परिजनों ने पुलिस को तहरीर देकर आरोपी प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर बेटी को तलाश करने की गुहार लगाई है.
वीडियो में कहा- संत बना हुआ प्रबंधक कई लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुका है
उसके सारे एविडेंस हमारे पास हैं. उसकी जान को खतरा है, इसलिए वह सीएम और पीएम से मदद की गुहार लगा रही है. साथ ही उसने ये भी बताया कि कॉलेज का प्रबंधक धमकी देता है कि डीएम हमारी जेब में रहते हैं, वह उसका कुछ नहीं कर सकती है. रीना शर्मा (परिवर्तित नाम) नाम की छात्रा एलएलएम पढ़ाई के साथ-साथ कम्प्यूटर लैब में पढ़ाती भी है, लेकिन उसने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है, जिसमें उसने कॉलेज प्रबंधक पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उसने वीडियो में रो-रोकर सीएम और पीएम से मदद की गुहार लगाई है.
चिन्मयानंद ने बताया था इसे साजिश
इस पूरे मामले में चिन्मयानंद का कहा था कि ‘उनके खिलाफ साजिश की जा रही है.’ उनके वकील की ओर से एफआईआर दर्ज कराई गई थी जिसमें कहा गया था कि चिन्मयानंद सरस्वती को ब्लैक मेल से पांच करोड़ रुपये मांगे गए हैं. ये रकम स्वामी चिन्मयानंद के व्हाटसएप नंबर पर मैसेज करके मांगी गई.
वकील ने शाहजहांपुर चौक कोतवाली में अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया. वकील ओम सिंह ने बताया कि मैसेज में किसी अज्ञात व्यक्ति ने 5 करोड़ रुपये की मांगी गई थी, साथ ही धमकी दी गई कि उसके पास जो वीडियो हैं, उसे वह वायरल भी करा दिया जाएगा और बाद में कुछ वीडियो वायरल किए गए थे. ओम सिंह ने दर्ज कराई रिपोर्ट में आशंका जताई है कि आपराधिक षड़यंत्र के तहत कुछ लोगों द्वारा धन उगाही तथा चरित्र हनन का प्रयास किया जा रहा है. डर का माहौल पैदा कर शैक्षणिक संस्थान को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.