बेंगलुरु, छह सितंबर (भाषा)कर्नाटक की मुख्य विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)ने विरोध प्रदर्शन के दौरान पथराव के मामलों सहित विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 60 आपराधिक मामलों को वापस लेने के राज्य सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए शनिवार को कहा कि इस कदम से नागरिक समाज अधिक चिंतित है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने कहा कि कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से यह संदेश जा रहा है कि ‘‘राज्य में अराजकता प्राथमिकता है’’।
कर्नाटक मंत्रिमंडल ने बृहस्पतिवार को जिन 60 मामलों को वापस लेने का फैसला किया, उनमें चित्तपुर में 2019 में हुई पथराव की घटना में कथित रूप से शामिल लोगों के खिलाफ दर्ज मामला और उसी वर्ष प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तारी के बाद उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के कथित समर्थकों पर पथराव का मामला शामिल है।
विजयेंद्र ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘कांग्रेस सरकार के सत्ता में आने के बाद से कानून-व्यवस्था को कमजोर करने की लगातार कोशिश की जा रही है। असामाजिक तत्व के हौसले इतने बढ़ गए हैं कि पुलिस व्यवस्था ही हिल गई है…हत्या, बलात्कार और डकैती की घटनाएं लगातार हो रही हैं।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ‘‘कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को इसमें (वापस लिए जाने वाले मामलों की सूची में) शामिल करना भाई-भतीजावाद है। सरकार की यह कार्रवाई बेशर्मी की पराकाष्ठा है।’’
विजयेंद्र ने कहा, ‘‘इस कदम से नागरिक समाज और भी चिंतित हो गया है…कांग्रेस सरकार द्वारा उठाए गए कदम यह संदेश दे रहे हैं कि राज्य में अराजकता मेरी प्राथमिकता है।’’
उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने शुक्रवार को राज्य सरकार के कई आपराधिक मामलों को वापस लेने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि सरकार ने भाजपा, कांग्रेस और विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ताओं से जुड़े मामलों को वापस ले लिया है।
भाषा धीरज माधव
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