रायपुर, पांच सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले के 101 स्कूलों में विज्ञान क्लब स्थापित किए जाएंगे जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच और नवाचार को बढ़ावा देना है। अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त जिलेभर के 200 से अधिक स्कूलों में 75 कार्य दिवसों तक अंतरिक्ष विज्ञान और उपग्रह से संबंधित कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूली बच्चों में अंतरिक्ष विज्ञान के प्रति जागरुकता बढ़ाने के लिए ‘मिशन अंतरिक्ष’ और ‘प्रोजेक्ट जय विज्ञान’ अभियान की शुरुआत की।
इस दौरान जिला प्रशासन रायपुर, ‘इग्नाइटिंग ड्रीम्स ऑफ यंग माइंड्स फाउंडेशन’, और विज्ञान भारती के बीच दो महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस कदम से छात्रों को अंतरिक्ष से जुड़े विषयों की महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी।
अधिकारियों ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पहुंचकर पहले भारतीय बनकर इतिहास रचने वाले अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भी इस कार्यक्रम में ऑनलाइन माध्यम से शामिल हुए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा, ‘‘विज्ञान केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन जीने की एक सोच है। यह हमें प्रश्न पूछने, तर्क करने और समस्याओं का समाधान खोजने की क्षमता देता है।’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि ‘प्रोजेक्ट जय विज्ञान’ के अंतर्गत आयोजित कार्यशालाएं, विज्ञान प्रदर्शनियां, प्रतियोगिताएं और नवाचारी परियोजनाएं विद्यार्थियों को नई चीजें सीखने और आत्मविश्वास बढ़ाने का अवसर देंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘इस पहल से छत्तीसगढ़ के बच्चे केवल ज्ञान के उपभोक्ता नहीं, बल्कि नए विचारों और खोजों के सृजनकर्ता बनेंगे। यही आत्मनिर्भर भारत और विज्ञान-आधारित समाज की सच्ची नींव है।’
उन्होंने बच्चों से आह्वान किया कि वे शुभांशु शुक्ला से प्रेरणा लेकर अपनी रुचि के क्षेत्र में आगे बढ़ें और देश का नाम रोशन करें।
अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने कहा, ‘‘देश ने जो अवसर मुझे प्रदान किया है, उसे आगे की पीढ़ियों तक पहुंचाना मेरी जिम्मेदारी है।’’
उन्होंने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘‘उनकी पहल से ऐसे सार्थक कार्यक्रम संभव हो पाए हैं। जब प्रदेश का मुखिया विज्ञान और शिक्षा से जुड़े आयोजनों को महत्व देता है, तो इसका सकारात्मक प्रभाव पूरे प्रदेश पर पड़ता है और बच्चों के भीतर नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की प्रेरणा उत्पन्न होती है।’
इस अवसर पर रायपुर के जिलाधिकारी गौरव सिंह ने बताया कि ‘जय विज्ञान’ परियोजना के लिए विज्ञान भारती (विभा) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिसका उद्देश्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देना, वैज्ञानिक सोच को प्रोत्साहित करना, नवाचार को बढ़ावा देना और छात्रों को विज्ञान में करियर के विभिन्न अवसरों से अवगत कराना है।
सिंह ने बताया कि इस साझेदारी के तहत जिले के 101 स्कूलों में विभा विज्ञान क्लब, छात्र मंच, ‘अटल टिंकरिंग लैब’ और विद्यार्थी विज्ञान मंथन जैसी गतिविधियां संचालित की जाएंगी जिसके माध्यम से छात्रों को वैज्ञानिक प्रयोग, व्याख्यान, प्रयोगशालाओं व उद्योगों का शैक्षणिक भ्रमण, और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेने का अवसर मिलेगा।
अधिकारियों ने बताया कि इसके साथ ही रायपुर जिले में ‘प्रोजेक्ट अंतरिक्ष’ की भी शुरुआत की जाएगी जिसके तहत आगामी महीनों में जिले के 200 से अधिक स्कूलों में 75 कार्य दिवसों तक कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी। प्रतिदिन दो स्कूलों में शिविर के माध्यम से बच्चों को रॉकेट, सैटेलाइट और अंतरिक्ष विज्ञान से संबंधित जानकारी दी जाएगी और जो विद्यार्थी अंतरिक्ष के बारे में जानने में रुचि रखते हैं, उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
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