नयी दिल्ली, पांच सितंबर (भाषा) एक प्रमुख निर्माण सामग्री – सीमेंट पर जीएसटी को तर्कसंगत बनाने से बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की पूंजीगत लागत कम करने और नकदी प्रवाह की स्थिति में सुधार लाने में मदद मिलेगी। उद्योग के जानकारों का यह मानना है।
जीएसटी परिषद ने बुधवार को अपनी 56वीं बैठक में कई वस्तुओं पर जीएसटी दरों में कटौती को मंजूरी दी। सीमेंट पर परिषद ने शुल्क को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने की सिफारिश की।
नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) दर 22 सितंबर से प्रभावी होगी।
पटेल इंजीनियरिंग की प्रबंध निदेशक (एमडी) कविता शिरवाइकर ने कहा, ‘‘सरकार ने सीमेंट जैसी महत्वपूर्ण निर्माण सामग्री पर जीएसटी कम करने का एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इसे तर्कसंगत बनाने से बुनियादी ढांचे के विकास को बढ़ावा मिलने और इसके आर्थिक विकास में उत्प्रेरक का काम करने की उम्मीद है।’’
आईआरबी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपर्स के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रमुख लागत वस्तुओं पर प्रस्तावित कटौती से सड़क क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिलेगा, निर्माण लागत कम होगी और बेहतर नकदी प्रवाह डेवलपर की वित्तीय स्थिति को मजबूत करेगा।
इसी तरह के विचार व्यक्त करते हुए, केईसी इंटरनेशनल के प्रबंध निदेशक विमल केजरीवाल ने कहा कि सीमेंट पर जीएसटी में कमी से कार्यशील पूंजी की उपलब्धता बढ़ने, नकदी प्रवाह दक्षता में सुधार और परियोजनाओं को पूरा करने की समय-सीमा में तेजी आने की उम्मीद है।
उन्होंने कहा कि इस सुधार से निजी क्षेत्र के पूंजीगत व्यय को बढ़ावा मिलने और इस क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित होने की संभावना है।
एक्शन कंस्ट्रक्शन इक्विपमेंट लिमिटेड (एसीई) के कार्यकारी निदेशक सोराब अग्रवाल ने कहा कि प्रमुख निर्माण सामग्री पर जीएसटी में कमी से इनपुट लागत में उल्लेखनीय कमी आने, परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आने और इस क्षेत्र को आवश्यक गति मिलने की उम्मीद है।
रोडिक डिजिटल एंड एडवाइजरी के प्रबंध निदेशक नागेंद्र नाथ सिन्हा ने कहा, ‘‘सीमेंट और इस्पात परियोजना लागत का लगभग 40-45 प्रतिशत हिस्सा होते हैं, इसलिए इस बदलाव (जीएसटी में कमी) से सामग्री कर का बोझ लगभग 10 प्रतिशत कम हो जाएगा। इस तरह की बचत, परियोजनाओं को अधिक लाभप्रद बनाएगी, क्रियान्वयन में तेजी लाएगी और सार्वजनिक-निजी भागीदारी को बढ़ावा देगी।’’
भाषा राजेश राजेश पाण्डेय
पाण्डेय
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