नयी दिल्ली, चार सितंबर (भाषा) केरल के वित्त मंत्री के. एन. बालगोपाल ने बृहस्पतिवार को कहा कि माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरें कम किए जाने से राज्य के राजस्व को सालाना 8 से 10 हजार करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
मंत्री ने स्पष्ट किया कि राज्य जीएसटी दरों में कटौती का समर्थन करता है, जिससे कीमतें कम होंगी।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि दरों में कटौती का लाभ आम लोगों तक पहुंचे।
बुधवार को जीएसटी परिषद ने मौजूदा चार स्लैब 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्थान पर केवल दो दरों 5 और 18 फीसद को बरकरार रखने को मंजूरी दी।
राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन बालगोपाल ने कहा कि राज्यों को मुआवजा दिया जाना चाहिए, लेकिन जीएसटी परिषद की बैठक में इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया गया।
उन्होंने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती से केरल को सालाना 8,000 से 10,000 करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान होने का अनुमान है।
बालगोपाल के अनुसार चार क्षेत्रों सीमेंट, इलेक्ट्रॉनिक्स, ऑटो और बीमा से सालाना 2,500 करोड़ रुपये का नुकसान होने का अनुमान है।
व्यक्तिगत उपयोग की लगभग सभी वस्तुओं और मध्यम वर्ग के लिए आवश्यक वस्तुओं जैसे एसी और वाशिंग मशीन पर जीएसटी दरों में कटौती की जाएगी।
व्यक्तिगत जीवन बीमा और स्वास्थ्य बीमा (फैमिली फ्लोटर समेत) पॉलिसियों के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम को भी जीएसटी से छूट दी गई है।
बुधवार को, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद में सभी निर्णय सर्वसम्मति से लिए गए और किसी भी राज्य के साथ कोई असहमति नहीं थी। राजस्व सचिव अरविंद श्रीवास्तव ने बुधवार को कहा कि कर दरों को युक्तिसंगत बनाने से 48,000 करोड़ रुपये का वित्तीय प्रभाव पड़ेगा।
भाषा जोहेब मनीषा
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