नई दिल्ली : दिल्ली में आज सड़कों पर जगह-जगह वाहन नदारद मिले. यूनाइटेड फ्रंट ऑफ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन्स (यूएफटीए) ने गुरुवार को हड़ताल की. इसके कारण किसी भी प्रकार के निजी बस, टैक्सी, ऑटो रिक्शा सड़कों पर नहीं चले जिससे लोगों को सुबह परेशानी का सामना करना पड़ा. हालांकि, दिल्ली मेट्रो और डीटीसी बसों पर बंद का असर देखने को नहीं मिला है.
आपको बता दें कि इस हड़ताल में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के 50 से ज्यादा यातायात संगठन और यूनियन हिस्सा ले रहे हैं. 17 सितंबर को इन संगठनों ने जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें संगठनों ने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे अनिश्चितकालीन अनशन पर चले जायेंगे.
ऑटो चालक मुकेश ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘एसोसिएशन ने बंद बुलाया है लेकिन हम तो हर तरफ से परेशान हैं. अभी चालान ने परेशान कर रखा है और अगर हम ऑटो नहीं चलाएंगे तो परिवार कैसे चलेगा, हम करें तो क्या करें. अगर एसोसिएशन की बात नहीं मांनेंगे तो वो भी हमारा साथ नहीं देंगे. घर नहीं चलेगा तो भी परेशानी है. हमें हर तरफ से पीसा जा रहा है. सरकार को समझ-बूझ कर फैसले लेने चाहिए जिससे आम लोगों को तकलीफ़ न हो.’
यूनाइटेड फ्रंट ऑफ़ ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के चेयरमैन हरीश सब्बरवाल ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा, ‘अभी तक हमारी हड़ताल कामयाब रही है. हमारी मांग यह है कि जो जुर्माने हमारे ऊपर लगाए गए हैं, उसका साइंटिफिक प्रमाण दिया जाए और सरकार पुलिस में फैले भ्रष्टाचार को ख़त्म करे. हमें इंफ्रास्ट्रक्चर दिया जाए. सरकार चालान का अधिकार केवल या पुलिस के बड़े अधिकारियों को ही दे.’
उन्होंने आगे कहा, ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ हमारी लड़ाई जारी रहेगी. ड्राइवर, ट्रांसपोर्टर और जो भी व्यक्ति इस काम को कर रहे हैं सभी अधिकारियों से त्रस्त हैं. अगर सरकार ने हमारी मांग नहीं मानी तो हम अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जायेंगे. ऑटो वालों ने दिल्ली में किसी का क्या बिगाड़ा है. 1,20,000 ऑटो में से केवल कुछ ही सड़क पर हैं. सरकार को हमारी बात माननी चाहिए. केंद्र सरकार के साथ-साथ दिल्ली सरकार से हमारी बातचीत चल रही हैं.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘सरकार ने पहले सब चीजों के दाम बढ़ा दिए फिर जुर्माना थोपा. वह केवल पैसे वसूलने में लगी हुई है.’
आपको बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने मोटर वाहन अधिनियम (1988) के प्रावधानों को संशोधित करने के लिए ‘मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक 2019’ को संसद के दोनों सदनों में पारित कराया था जिसमें तमाम बदलाव किये गए हैं.