रायपुर: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सोमवार को बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा और बस्तर जिलों का दौरा कर बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई और ज़मीनी सर्वेक्षण किया. इस दौरान उन्होंने राहत शिविरों का जायज़ा लिया और प्रभावित परिवारों से बातचीत कर उनकी समस्याएं सुनीं.
मुख्यमंत्री ने दंतेवाड़ा के चूड़ीटिकरा वार्ड स्थित अस्थायी राहत शिविर में लोगों से सीधे संवाद किया. उन्होंने कहा, “बाढ़ से प्रभावित प्रत्येक परिवार तक समय पर सहायता पहुंचाना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. हर पीड़ित परिवार को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि सरकार आपके साथ खड़ी है.”
साय ने शिविरों में भोजन, स्वच्छ पेयजल और आवास की व्यवस्था का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिए. उन्होंने स्वास्थ्य शिविर में पहुंचकर मेडिकल टीम से दवाइयों और डॉक्टरों की उपलब्धता की जानकारी ली. प्रभावितों ने जिला प्रशासन की त्वरित मदद पर संतोष भी जताया.
मुख्यमंत्री ने बाढ़ में क्षतिग्रस्त पुल और सड़कों का निरीक्षण कर यातायात बहाली के इंतज़ामों की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों से कहा कि बिजली, सड़क और पेयजल जैसी मूलभूत सुविधाओं की बहाली में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
दंतेवाड़ा कलेक्टोरेट में हुई समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली.
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रशासनिक टीमें लगातार प्रभावित गांवों तक पहुंचे और राहत सामग्री हर जरूरतमंद तक समय पर पहुंचाई जाए. साथ ही बच्चों, महिलाओं और बुजुर्गों की विशेष देखभाल और स्वास्थ्य-शिक्षा संबंधी सेवाओं को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया.
मुख्यमंत्री साय के साथ वन मंत्री केदार कश्यप, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, सांसद महेश कश्यप, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, राजस्व सचिव एवं आपदा राहत आयुक्त रीना बाबा साहेब कंगाले, संभागायुक्त डोमन सिंह और जिला प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.