मुंबई, 31 अगस्त (भाषा) महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण देने की रूपरेखा तय करने के लिए गठित मंत्रिमंडल की उप-समिति समुदाय को कुनबी का दर्जा देने के लिए ‘हैदराबाद गजेटियर’ पर अमल करने को लेकर कानूनी राय लेगी। महाराष्ट्र के मंत्री और समिति के अध्यक्ष राधाकृष्ण विखे पाटिल ने रविवार को यह जानकारी दी।
गजेटियर एक विस्तृत भौगोलिक, ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक विवरणों वाला दस्तावेज होता है जो किसी जिले, राज्य या क्षेत्र के बारे में जानकारी देता है।
विखो पाटिल ने उप-समिति की यहां बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि महाधिवक्ता बीरेन सराफ और उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे ने समिति को बताया कि उन्हें इस बात का अध्ययन करने के लिए समय चाहिए कि क्या हैदराबाद और सतारा गजेटियर को सामाजिक कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग के अनुसार लागू किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मिलूंगा और उन्हें उप-समिति की चर्चा से अवगत कराऊंगा। मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता देने के संबंध में उच्चतम न्यायालय की एक टिप्पणी है। हम उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी (कि मराठा और कुनबी एक नहीं हैं) को नकार नहीं सकते। हम बातचीत के लिए तैयार हैं क्योंकि समाधान निकालना ज़रूरी है।’’
जरांगे अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत मराठों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की मांग को लेकर शुक्रवार से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं।
उन्होंने मांग की है कि मराठों को कुनबी के रूप में मान्यता दी जाए ताकि वे सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण के लिए पात्र हो जाएं। कुनबी ओबीसी श्रेणी में शामिल एक कृषि प्रधान जाति है।
भाषा धीरज संतोष
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