नई दिल्ली: हिंदू महाकाव्य रामायण का हवाला देते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसी महिला के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध आवश्यक है, तो इसे जरूर लड़ा जाना चाहिए, भले ही युद्ध विनाशकारी ही क्यों न हो.
मंगलवार को नई दिल्ली में पांचवें अंतरराष्ट्रीय रामायण महोत्सव में, शाह ने कहा, ‘एक महिला के सम्मान की रक्षा कैसे की जाती है … जो लोग युद्ध की भयावहता को समझते हैं और इसके विनाशकारी परिणाम भी समझते हैं वह जानते हैं कि जब एक महिला का सम्मान खो जाता है, तो राज्य खो जाता है, संस्कृति खो जाती है. इसीलिए यदि किसी महिला के सम्मान की रक्षा के लिए युद्ध आवश्यक है, तो उसे लड़ना चाहिए.’
शाह ने यह भी कहा कि हिंदू महाकाव्य में दुनिया की सभी समस्याओं का समाधान मौजूद है.
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी को एक बार रामायण पढ़ने के लिए कहना चाहता हूं. यदि वे ऐसा करते हैं, तो वे अपनी व्यक्तिगत, सामाजिक और राष्ट्रीय समस्याओं का समाधान पा सकते हैं. सभी सांसारिक समस्याओं का समाधान इस महाकाव्य में मौजूद है.’
‘रामायण सिर्फ आदर्श जीवन की व्याख्या करने वाली एक कविता नहीं है. बल्कि इसमें कई संवाद शामिल हैं जो हमें नैतिकता, सुशासन, ज्ञान, युद्ध कला, विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समझने में मदद करते हैं.’
दुनिया में राजदूत
अब तक पांच बार हो चुके रामायण महोत्सव में कई देशों ने भाग लिया है. इस मौके पर शाह ने कहा कि रामायण ने दुनिया के सामने भारत के सांस्कृतिक राजदूत की भूमिका निभाई है, और शायद ही कोई भाषा थी जिसमें इसका अनुवाद नहीं किया गया हो.
तीन दिनों तक चलने वाले इस महोत्सव का आयोजन भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) द्वारा विदेश मंत्रालय करा रहा है. शाह ने कहा आईसीसीआर का उद्देश्य दुनिया में भारतीय संस्कृति को लोकप्रिय बनाना है, और रामायण महोत्सव अपनी बात दुनिया तक पहुंचाने का सबसे अच्छा तरीका है.
इस महोत्सव में थाईलैंड, कंबोडिया, इंडोनेशिया, बांग्लादेश और श्रीलंका सहित आठ देश भाग ले रहे हैं और ये सभी भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या भी जाएंगे.
यह महोत्सव पुणे में 21 सितंबर को और 20 से 22 सितंबर के बीच लखनऊ में आयोजित किया जाएगा.
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