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Wednesday, 27 August, 2025
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भारत अगले 15 वर्षों में 100 से अधिक उपग्रह प्रक्षेपित करेगा: जितेंद्र सिंह

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(तस्वीरों के साथ)

नयी दिल्ली, 23 अगस्त (भाषा) केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत अगले 15 वर्षों में 100 से अधिक उपग्रहों को प्रक्षेपित करने की योजना बना रहा है। उन्होंने कहा कि ये उपग्रह सरकारी प्रौद्योगिकी अभियानों और निजी क्षेत्र के नेतृत्व वाले परिचालन मिशनों के तहत प्रक्षेपित किए जाएंगे।

सिंह ने दूसरे राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस के उपलक्ष्य में यहां आयोजित समारोह के दौरान अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए अगले 15 वर्षों के वास्ते एक प्रारूप भी जारी किया। इस समारोह में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष वी नारायणन, आईएनएसपीएसी के अध्यक्ष पवन गोयनका और ‘गगनयान’ मिशन के लिए चुने गए चार अंतरिक्ष यात्री भी मौजूद थे।

सिंह ने कहा कि यह रोडमैप 2040 और उसके आगे भारत की अंतरिक्ष यात्रा का मार्गदर्शन करेगा तथा खाद्य एवं जल सुरक्षा, आपदा प्रबंधन क्षमता, पर्यावरणीय स्थिरता और समावेशी विकास के लिए अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण का समर्थन करेगा।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष कार्यक्रम एक परिवर्तनकारी दौर में प्रवेश कर चुका है, जहां यह अब प्रतीकात्मक उपलब्धियों तक सीमित नहीं है, बल्कि देश की वैज्ञानिक प्रगति, तकनीकी नवाचार और जन कल्याण में महत्वपूर्ण योगदानकर्ता बन गया है।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र के दरवाजे निजी क्षेत्र के लिए खोलने से नवाचार और उद्यमिता की एक नयी लहर पैदा हुई है।

सिंह ने कहा कि भारत एक समय सिर्फ सरकार के नेतृत्व वाली परियोजनाओं तक सीमित था, लेकिन आज देश में सैकड़ों स्टार्ट-अप हैं, जो अंतरग्रहीय अन्वेषण के साथ-साथ रोजमर्रा के जीवन में संभावित अनुप्रयोगों वाली प्रौद्योगिकियों के विकास में जुटे हुए हैं।

उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी ने चुपचाप लोगों के जीवन में प्रवेश कर लिया है और आपदा प्रबंधन, बुनियादी ढांचे की निगरानी, ​​स्मार्ट सिटी योजना, आवास कार्यक्रम और यहां तक ​​कि ड्रोन के माध्यम से भूमि-स्वामित्व मानचित्रण जैसी परियोजनाओं को भी बल प्रदान किया है।

सिंह ने इसरो के भावी कार्यक्रमों की रूपरेखा पेश की। उन्होंने कहा कि मानवरहित गगनयान-1 मिशन का प्रक्षेपण इस साल के अंत तक होने की उम्मीद है।

गगनयान-1 एक मानव-रोबोट मिशन होगा, जिसमें मानवीय रोबोट ‘व्योममित्र’ अंतरिक्ष की यात्रा करेगा।

वर्ष 2027 में भारत ‘गगनयान’ मिशन के तहत अपनी पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान का प्रयास करेगा। इसके बाद 2028 में ‘चंद्रयान-4’, शुक्र ग्रह के लिए एक मिशन और 2035 तक प्रस्तावित भारत अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना की जाएगी।

सिंह ने कहा कि भारत ने 2040 तक चंद्रमा पर अपना एक अंतरिक्ष यात्री भेजने का लक्ष्य भी निर्धारित किया है।

भाषा पारुल संतोष

संतोष

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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