नयी दिल्ली, 20 अगस्त (भाषा) इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम एक गंभीर सामाजिक और जन स्वास्थ्य समस्या बन गया है और इसका समाज पर नकारात्मक प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है।
वैष्णव ने बुधवार को लोकसभा में पैसे आधारित ऑनलाइन गेम पर प्रतिबंध लगाने वाले विधेयक को पारित करने के बाद कहा कि प्रस्तावित कानून ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेमिंग को बढ़ावा देगा और भारत को ऐसे गेम के विकास का केंद्र बनाएगा।
मंत्री ने पीटीआई-भाषा से बातचीत में कहा कि पैसा आधारित ऑनलाइन गेम के हानिकारक प्रभावों ने सामाजिक नुकसान को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता को अनिवार्य बना दिया है।
मंत्री ने कहा कि इस मामले पर व्यापक विचार-विमर्श किया गया और पैसा आधारित ऑनलाइन गेम के हानिकारक प्रभावों को रोकने के तरीकों का पता लगाने के लिए उद्योग जगत के साथ कई दौर की बातचीत हुई। प्रस्तावित स्व-नियामक ढांचा भी कारगर नहीं रहा।
वैष्णव ने कहा, ‘‘हम उद्योग जगत से उन लत लगने वाली ऐसी चीजों को हटाने का अनुरोध कर रहे हैं जो इसमें शामिल हैं। धन शोधन के मामले सामने आए हैं और पैसा आधारित ऑनलाइन गेम में आतंकवादी गतिविधियों को समर्थन देने जैसे गंभीर मामले भी सामने आए हैं।
सीमापार से धन का प्रवाह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। इसलिए विधेयक का मसौदा तैयार करते समय इन सभी बातों को ध्यान में रखा गया है।
इस विधेयक से क्षेत्र के उद्योग के खत्म होने तथा निवेश एवं नौकरियों पर असर पड़ने के तर्क के बारे में पूछे जाने पर मंत्री ने कहा कि सरकार वास्तव में गेमिंग उद्योग के विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्यक्रम बनाएगी।
मंत्री ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग तीन मुख्य क्षेत्रों के साथ एक ‘प्रमुख क्षेत्र’ के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दो क्षेत्र, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग, समाज के लिए अच्छे हैं। हम तीन में से दो क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहे हैं… और हम ऐसे कार्यक्रम बनाएंगे जो गेमिंग उद्योग के विकास में मदद करेंगे। और गेमिंग उद्योग में कार्यरत लोगों को नए अवसर मिलेंगे। पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम…समाज पर इसका एक स्पष्ट नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
वैष्णव ने कहा कि जब समाज को काफी नुकसान हो रहा हो, तो समाज की भलाई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
लोकसभा ने पैसे से खेले जाने वाले ऑनलाइन गेम के संचालन, खेल की सुविधा देने और विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाने वाले ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन और विनियमन विधेयक को पारित कर दिया है। उसके बाद वैष्णव ने यह बात कही। सरकार ऐसे ऐप के जरिये बढ़ती लत, धन शोधन और वित्तीय धोखाधड़ी की घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए कदम उठा रही है।
मंत्री ने कहा कि जहां तक डिजिटल तकनीक का सवाल है, ऑनलाइन गेमिंग तीन मुख्य क्षेत्रों के साथ एक ‘प्रमुख क्षेत्र’ के रूप में उभरा है।
उन्होंने कहा, ‘‘दो क्षेत्र, ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग, समाज के लिए अच्छे हैं। हम तीन में से दो क्षेत्रों को बढ़ावा दे रहे हैं… इन दोनों को कानूनी मान्यता मिलेगी और इनका प्रचार किया जाएगा। यह विधेयक एक प्राधिकरण बनाएगा जो मूल रूप से ई-स्पोर्ट्स और ऑनलाइन सोशल गेमिंग को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रम और योजनाएं बनाएगा।’’
मंत्री ने कहा कि तीसरा क्षेत्र, पैसे से जुड़ा ऑनलाइन गेम है, जो समाज को नुकसान पहुंचा रहा है और यह एक प्रमुख सामाजिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में उभरा है।
वैष्णव ने कहा, ‘‘यहां तक कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी ऑनलाइन गेम खेलने की लत और उसके दुष्प्रभाव को लेकर एक नई बीमारी ‘गेमिंग डिस्ऑर्डर’ को वर्गीकृत किया है जो चिंता, अवसाद, नींद की समस्या, सामाजिक अलगाव और तनाव का कारण बनती है।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘यह मनोवैज्ञानिक संकट और पारिवारिक एवं सामाजिक जीवन में गंभीर व्यवधान पैदा करता है। हमने देखा है कि पैसे से खेले जाने वाला ऑनलाइन गेम की लत के कारण मध्यम वर्ग के परिवारों को अपनी पूरी जीवन भर की बचत गंवानी पड़ी है। आत्महत्या के मामले भी सामने आए हैं।’’
मंत्री ने लोकसभा में विधेयक पारित होने पर कहा कि विपक्ष इस विधेयक पर चर्चा करने को तैयार नहीं था।
वैष्णव ने कहा, ‘‘यह वास्तव में दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष ऐसे महत्वपूर्ण विधेयकों पर चर्चा करने को तैयार नहीं है जिनका समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ रहा है।’’
भाषा रमण अजय
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