इंफाल, 20 अगस्त (भाषा) मणिपुर के शीर्ष नगा संगठन ‘यूनाइटेड नगा काउंसिल’ (यूएनसी) को बुधवार को गृह मंत्रालय से 26 अगस्त को नयी दिल्ली में केंद्र के साथ बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला है। इस बैठक में भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवागमन व्यवस्था (एफएमआर) को खत्म करने पर उसकी चिंताओं पर चर्चा की जाएगी। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
यह घटनाक्रम यूएनसी प्रतिनिधिमंडल द्वारा मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला से राजभवन में इन दो मुद्दों पर मुलाकात के चार दिन बाद सामने आया है।
पूर्वोत्तर मामलों पर गृह मंत्रालय के सलाहकार ए. के. मिश्रा द्वारा यूएनसी अध्यक्ष एनजी लोरहो को भेजे गए पत्र में बैठक में यूएनसी के दल की मौजूदगी का औपचारिक अनुरोध किया गया।
मणिपुर में नगा समूह नगा-बहुल इलाकों में भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने और एफएमआर को खत्म करने का विरोध कर रहे हैं। मणिपुर की पड़ोसी देश के साथ 398 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है।
लोरहो ने 16 अगस्त को राज्यपाल से मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया था कि नगा प्रतिनिधिमंडल ने एफएमआर और सीमा बाड़ लगाने से संबंधित मामलों पर अपने विचार और चिंताएं साझा कीं तथा राज्यपाल से अनुरोध किया कि वे इसे केंद्र के समक्ष उठाएं।
मणिपुर में नगा संगठनों ने 22 जुलाई को केंद्र को एक ज्ञापन सौंपकर भारत-म्यांमा सीमा पर बाड़ लगाने पर तत्काल रोक लगाने और 20 दिन के भीतर एफएमआर बहाल करने की मांग की थी।
नगा निकायों, जिनमें यूनाइटेड नगा काउंसिल, ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन, मणिपुर, नगा वूमैन यूनियन और नगा पीपुल्स मूवमेंट फॉर ह्यूमन राइट्स साउथ शामिल थे, ने भल्ला के माध्यम से याचिका प्रस्तुत की थी।
गृह मंत्रालय ने पिछले साल फरवरी में एफएमआर को समाप्त करने का फैसला किया था, जिसके तहत भारत-म्यांमा सीमा के निकट रहने वाले लोगों को बिना किसी दस्तावेज के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किलोमीटर तक जाने की अनुमति थी। साथ ही, 1,643 किलोमीटर लंबी पूरी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बाड़ लगाने का भी फैसला किया गया था।
कई पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों, विशेष रूप से नगालैंड और मणिपुर के नगा, मणिपुर के कुकी और मिजोरम के मिजो लोगों ने इस कदम का विरोध करते हुए कहा है कि यह उन्हें सीमा पार अपने रिश्तेदारों से अलग कर देगा।
भाषा
देवेंद्र प्रशांत
प्रशांत
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