नयी दिल्ली, 19 अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें 25,753 शिक्षकों और शिक्षाकर्मियों की नियुक्तियां रद्द करने के उसके तीन अप्रैल के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की गई थी।
न्यायमूर्ति संजय कुमार और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने कहा कि मामले के सभी कानूनी एवं तथ्यात्मक पहलुओं पर पहले ही विस्तार से विचार किया जा चुका है, इसलिए याचिकाओं में कोई आधार नहीं बनता।
न्यायालय ने खुली अदालत में सुनवाई की मांग भी ठुकरा दी।
न्यायालय ने ओएमआर शीट्स के मूल या मिरर कॉपी न रखने, और अनियमितताओं को छिपाने की कोशिशों को चयन प्रक्रिया को प्रभावित करने वाला गंभीर दोष बताया।
उसने कहा कि चयन की शुचिता बनाए रखने के लिए पूरी प्रक्रिया को अमान्य घोषित करना जरूरी था।
हालांकि, जिन अभ्यर्थियों पर गड़बड़ी का आरोप नहीं है, उन्हें अपने पुराने विभागों में लौटने का अवसर मिलेगा।
भाषा सुरेश सिम्मी
सिम्मी
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