हैदराबाद: आंध्र प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी, जगन मोहन रेड्डी की अगुवाई वाली YSR कांग्रेस पार्टी (YSRCP) ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के फोन कॉल के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन का समर्थन करने का फैसला किया है.
YSRCP के एक वरिष्ठ नेता और जगन के करीबी सहयोगी ने दिप्रिंट से कहा, “हमारे सत्ता गंवाने के बाद पहली बार किसी बड़े बीजेपी नेता ने जगन को फोन कर उनसे सीधा समर्थन मांगा.”
जानकारी के मुताबिक, कॉल के दौरान ही जगन ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी थी. हालांकि, उन्होंने तुरंत ऐलान करने की जल्दबाज़ी नहीं दिखाई.
सोमवार को YSRCP सांसद मडिला गुरुमूर्ति ने दिप्रिंट से कहा कि रविवार रात ही उन्हें यह निर्देश मिल गया था कि 9 सितंबर को होने वाले चुनाव में NDA उम्मीदवार के पक्ष में वोट करना है.
उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों वाला निर्वाचन मंडल करता है. YSRCP के पास लोकसभा में 4 और राज्यसभा में 7 सांसद हैं.
हालांकि, बीजेपी के पास अपने उम्मीदवार की जीत पक्की करने के लिए पर्याप्त संख्या पहले से ही है, लेकिन YSRCP और कुछ अन्य गैर-गठबंधन दलों से संपर्क को NDA की ओर से उपराष्ट्रपति चुनाव को INDIA गठबंधन के खिलाफ निर्विवाद जीत बनाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
दिल्ली की सत्ता में बने रहने के लिए बीजेपी को तेदेपा के 16 लोकसभा सांसदों का समर्थन ज़रूरी है, फिर भी जगन से संवाद की पहल को YSRCP नेता एक सुलह का संकेत मान रहे हैं. उनका कहना है कि चुनाव से पहले बीजेपी ने तेदेपा के चंद्रबाबू नायडू के साथ जाने के लिए जगन को छोड़ दिया था.
राजनाथ का यह फोन कॉल कुछ लोगों की नज़र में भाजपा की ओर से जगन के लिए एक दोस्ताना संदेश है ताकि नायडू पर दबाव बना रहे. हालांकि, टीडीपी नेताओं ने इन दावों को खारिज किया है.
YSRCP संसदीय दल के नेता वाई.वी. सुब्बा रेड्डी ने कहा, “2024 में तेदेपा से हाथ मिलाना बीजेपी की चुनावी मजबूरी थी, लेकिन वे जानते हैं कि जगन की लोकप्रियता अब भी है. हार के बावजूद उनके पास 40 प्रतिशत वोट शेयर है और वे अगले चुनाव तक वापसी कर सकते हैं.”
उन्होंने कहा, “हमारा इंडिया गठबंधन के साथ जाना संभव नहीं है, क्योंकि कांग्रेस पार्टी के साथ हमारा पुराना विवाद रहा है. ऐसे में जब एनडीए ने हमसे समर्थन मांगा तो हम क्यों न उनका साथ दें?”
हालांकि, YSRCP एनडीए की औपचारिक सहयोगी नहीं है, लेकिन पिछली लोकसभा अवधि में उसने कई बार एनडीए की मदद की थी, खासकर राज्यसभा में, जैसे कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) जैसे अहम और विवादित बिलों को पास कराने में. हालांकि, राज्य की राजनीति में उसने अपने चुनावी हितों के अनुसार अलग रुख भी अपनाया.
बीजेपी को YSRCP के समर्थन पर भरोसा रहा है, और कई मौकों पर जगन ने पीएम मोदी के फैसलों और कदमों का खुलकर बचाव भी किया. 2021 में उन्होंने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा था कि “उंगली उठाने के बजाय प्रधानमंत्री का हाथ मज़बूत करें ताकि कोविड-19 महामारी से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.”
आंध्र प्रदेश में चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने भी जगन पर सीधे हमले करने से परहेज़ किया था.
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