नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने के खिलाफ दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा, ‘अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद कश्मीर जाऊंगा.’
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को कश्मीर जाकर अपने परिवार से मिलने की इज़ाजत दे दी है. कोर्ट ने कहा कि इस दौरान आज़ाद वहां पर कोई सभा आयोजित नहीं कर सकते हैं और न ही उन्हें भाषण देने की ही इजाज़त दी गई है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद से ही कई बार एयरपोर्ट से वापस भेजे जा चुके कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद को कश्मीर में चार जिलों में जाने की इजाजत दी गई है. जिसमें वह श्रीनगर, बारामुला, अनंतनाग और जम्मू जा सकेंगे.
कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन सहित कई लोगों ने राज्य से अनुच्छेद-370 को हटाए जाने को लेकर सर्वोच्च अदालत में याचिका दायर की थी. याचिका में कहा गया था कि राज्य में लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं ठीक से नहीं मिल पा रही हैं और लोग एक-दूसरे से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं.
सुनवाई के दौरान भारत सरकार का पक्ष रखते हुए अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा, ‘राज्य में लैंडलाइन सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं. खासकर मीडिया से जुड़े लोगों को यह सुविधा मिल रही है.
Petitions in SC challenging abrogation of Art 370 in J&K: AG KK Venugopal said that more than 5.5 lakh people have attended OPDs across J&K for their medical treatment&dismissed the claim of Kashmir Times Exec. Editor Anuradha Bhasin that people are not getting medical facilities pic.twitter.com/C5jrsT0J24
— ANI (@ANI) September 16, 2019
कश्मीर टाइम्स की संपादक अनुराधा भसीन का पक्ष वृंदा ग्रोवर रख रही हैं. उनकी याचिका में उठाए मुद्दों पर बोलते हुए वेणुगोपाल ने कहा, ‘राज्य के सभी अखबार छप रहे हैं और टीवी चैनल भी चल रहे हैं.’
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि लोगों को मेडिकल सुविधाएं नहीं मिल रही हैं. इस पर केके वेणुगोपाल ने कहा, ‘5.5 लाख से ज्यादा लोगों ने इन दिनों में ओपीडी में इलाज कराया है. उन्होंने कहा अनुराधा भसीन का दावा बिल्कुल गलत है.’
सुप्रीम कोर्ट ने भारत सरकार और जम्मू-कश्मीर सरकार को कहा कि इस मामले में एफिडेविट दायर की जाए जिससे इस पर सुनवाई हो सके. कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई की अगली तारीख 30 सितंबर को दी है.
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर को कहा है कि राज्य में हालत सामान्य करने की कोशिश करें. कोर्ट मे यह भी कहा कि ऐसा करते हुए सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा का भी ध्यान रखें.