नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को चुनाव आयोग (ईसीआई) को निर्देश दिया कि बिहार में की जा रही स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) के तहत 1 अगस्त को जारी ड्राफ्ट मतदाता सूची से हटाए गए 65 लाख नामों की सूची जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइट पर पब्लिश की जाए.
अंतरिम आदेश पारित करते हुए जस्टिस सूर्यकांत और जॉयमाल्या बागची की बेंच ने कहा कि सूची और नाम हटाने के कारण मंगलवार तक वेबसाइट पर अपलोड किए जाएं. इस सूची की जानकारी अखबारों, दूरदर्शन और रेडियो पर प्रसारण के जरिए व्यापक रूप से दी जाए. इसके अलावा, 65 लाख हटाए गए मतदाताओं की बूथ-वार सूची और कारण पंचायत कार्यालयों के नोटिस बोर्ड पर भी लगाई जाए, ताकि लोग देख सकें.
बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी को निर्देश दिया गया कि जिन मतदाताओं के नाम ड्राफ्ट सूची में शामिल नहीं हैं, उनकी जिला-वार सूची कारण सहित बिहार सीईओ वेबसाइट पर सॉफ्ट कॉपी में अपलोड करें. यह सूची ईपीआईसी नंबर से खोजी जा सके.
नोटिस में यह भी लिखा जाए कि प्रभावित लोग अपना दावा आधार कार्ड की कॉपी के साथ जमा कर सकते हैं.
फिलहाल अदालत बिहार में एसआईआर प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है. ये याचिकाएं तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा, भारत जोड़ो अभियान के संयोजक योगेंद्र यादव, राजद सांसद मनोज झा और गैर-लाभकारी संस्थाएं एडीआर व पीयूसीएल ने दायर की हैं.
एडीआर ने 5 अगस्त को अदालत में आवेदन देकर विधानसभा क्षेत्र और बूथ-वार हटाए गए 65 लाख मतदाताओं की सूची और कारण प्रकाशित करने की मांग की थी. यह मांग ईसीआई द्वारा 1 अगस्त को ड्राफ्ट मतदाता सूची प्रकाशित करने के कुछ दिन बाद की गई.
ईसी के आंकड़ों के अनुसार, एसआईआर के आधार पर बने ड्राफ्ट मतदाता सूची में बिहार के 38 जिलों के 65.6 लाख मतदाताओं के नाम नहीं हैं. इनमें 22 लाख से अधिक की मौत हो चुकी थी, 36 लाख से ज्यादा स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए या लापता थे और 7 लाख अन्य मतदाता कई जगहों पर दर्ज थे. इसलिए उनके फॉर्म शामिल नहीं किए गए.
एडीआर के आवेदन के जवाब में, ईसीआई ने कहा कि कानून में अलग से ऐसी सूची प्रकाशित करने या कारण बताने की आवश्यकता नहीं है और यह किसी का अधिकार नहीं है. ईसीआई ने कहा कि ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी करने से पहले, राजनीतिक दलों को ऐसे लोगों की बूथ-स्तर की सूची दी गई थी जिनके फॉर्म किसी कारण से प्राप्त नहीं हुए. ईसीआई ने यह भी कहा कि जिन लोगों के नाम ड्राफ्ट सूची में नहीं हैं, वे 1 सितंबर तक फॉर्म 6 भरकर फिर से पंजीकरण करा सकते हैं.
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