नई दिल्ली : कांग्रेस पार्टी की पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कार्यकर्ताओं और नेताओं से राष्ट्रीय राजधानी में एक हफ्ते में दो से तीन बार मिल रही हैं, ताकि वह उनसे मिले फीडबैक के जरिए उत्तर प्रदेश में पार्टी को एक बार फिर पुनर्जीवित कर सकें.
हलांकि, पार्टी की राज्य इकाई के नेताओं ने उन्हें कहा है कि यदि वह पार्टी को पुनर्जीवित करना चाहती हैं, तो उन्हें इस क्रम में एक महीने में लखनऊ में कम से कम 20 दिन बिताने होंगे.
एक जमाने में पूरे राज्य में शासन करने वाली पार्टी पिछले कुछ समय से यहां अपने अस्तित्व को बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सबसे ज्यादा बुरी स्थिति इस बार के लोकसभा चुनावों में हुई, जहां 80 सीटों में से वह केवल एक सीट जीतने में कामयाब हो सकी.
संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की अध्यक्ष और कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी अपनी पारंपरिक सीट राय बरेली को बचाने में कामयाब रही थीं.
यहां तक कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और प्रियंका गांधी के भाई राहुल गांधी भी अपनी पारंपरिक सीट अमेठी से चुनाव हार गए थे. यह सीट केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नेता स्मृति ईरानी जीतने में कामयाब रही थीं.
चुनाव में मिली हार के बाद पार्टी ने राज्य के सभी जिलों की इकाइयों को भंग कर दिया था और चुनावों के दौरान पार्टी विरोधी गतिविधियों को देखने के लिए एक तीन सदस्यीय अनुशासन समिति का गठन किया.
राहुल गांधी के आवास पर प्रियंका की अध्यक्षता में हुई एक बैठक में कार्यकर्ताओं ने पार्टी महासचिव से कहा कि यदि वह पार्टी को सच में पुनर्जीवित करना चाहती हैं तो उन्हें एक महीने में राज्य में कम से कम 20 दिन बिताने होंगे.
नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर एक कांग्रेस नेता ने कहा, ‘करीब 10 पार्टी नेताओं ने प्रियंका जी से कहा कि यदि उन्हें जमीनी हालात को जानना है, तो उन्हें माह में कम से कम 20 दिन लखनऊ में रहना होगा.’
नेता ने कहा, ‘उन्होंने प्रियंका जी से कहा कि दिल्ली में रहकर पार्टी को पुन: खड़ा नहीं किया जा सकता है. हमने उन्हें यह भी कहा कि पार्टी का कार्य आगे बढ़ाने के लिए वह चाहें तो लखनऊ स्थित हमारे घरों में रुक सकती हैं.’
इस बारे में प्रियंका का क्या जवाब रहा यह पूछे जाने पर कांग्रेस नेता ने कहा, ‘वह हमारे प्रस्ताव पर मुस्कुराईं और कहा कि वह हमें इसकी जानकारी दे देंगी.’