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Saturday, 20 September, 2025
होमदेश'मैं इस पर गौर करूंगा'– आवारा कुत्तों के मामले में CJI ने कहा, जानिए कोर्ट में क्या कुछ हुआ

‘मैं इस पर गौर करूंगा’– आवारा कुत्तों के मामले में CJI ने कहा, जानिए कोर्ट में क्या कुछ हुआ

पशु प्रेमी, जिन्होंने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का विरोध किया था, उसकी कॉपी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. यह आदेश अब तक कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुआ है, जबकि राजस्थान हाई कोर्ट और गोवा सरकार पहले ही इसका हवाला देते हुए कार्रवाई की मांग कर चुके हैं.

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नई दिल्ली: जब सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर से सभी आवारा कुत्तों को आठ हफ्तों में हटाकर शेल्टर में भेजने का निर्देश दिया है, तब पशु प्रेमियों में विरोध बढ़ गया है.  बुधवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी.आर. गवई को सुप्रीम कोर्ट के एक पुराने आदेश के बारे में बताया गया, जिसमें आवारा कुत्तों को स्थानांतरित करने और अंधाधुंध मारने की मनाही की गई थी.

CJI एक लंबित स्पेशल लीव पिटीशन (SLP) सुन रहे थे, जिसे कॉन्फ्रेंस फॉर ह्यूमन राइट्स नामक गैर-सरकारी संगठन ने दाखिल किया था. इसमें क्षेत्र के सभी आवारा कुत्तों की गिनती और नगर निगमों द्वारा एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों के लागू होने पर सवाल उठाए गए थे.

जब याचिकाकर्ता ने बताया कि एक पुराने फैसले में कहा गया है कि कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं हो सकती और सभी जीवों के प्रति करुणा रखनी चाहिए, तो CJI गवई ने कहा, “मैं इसे देखूंगा.”

जहां पशु कल्याण समूह CJI से राहत की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं बड़ी संख्या में लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत कर रहे हैं, इसे कुत्तों के काटने की घटनाओं और रेबीज के खतरे के बीच जरूरी कदम बता रहे हैं.

पशु प्रेमी समूहों का कहना है कि यह आदेश न सिर्फ अव्यवहारिक है बल्कि अमानवीय भी है. आदेश की प्रति अभी वेबसाइट पर अपलोड नहीं हुई है, लेकिन अन्य राज्यों में इसका हवाला देकर आदेश और दिशा-निर्देश जारी हो रहे हैं.

सोमवार को SC के आदेश के बाद राजस्थान हाईकोर्ट ने नगर निकायों को आवारा कुत्तों और अन्य पशुओं को हटाने का विशेष अभियान चलाने को कहा. गोवा सरकार ने भी आवारा कुत्ता प्रबंधन के लिए विशेष टास्क फोर्स बनाई है.

CJI गवई और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की पीठ ने केंद्र सरकार को छह हफ्ते में जवाब दाखिल करने का समय दिया. पुराने आदेश में कहा गया था कि किसी भी हालत में कुत्तों की अंधाधुंध हत्या नहीं हो सकती और अधिकारियों को मौजूदा कानूनों के तहत कार्रवाई करनी होगी. सभी जीवों के प्रति करुणा दिखाना संवैधानिक मूल्य और दायित्व है.

इस बीच, अभिनेता जॉन अब्राहम ने CJI गवई को पत्र लिखकर सोमवार के आदेश की समीक्षा करने का आग्रह किया है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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