कोलकाता, नौ अगस्त (भाषा) जनवरी से अब तक छात्रावासों में रहने वाले चार छात्रों की संदिग्ध आत्महत्या के मद्देनजर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-खड़गपुर (आईआईटी-केजीपी) ने एक डीन की नियुक्ति की है जिनका एक मात्र काम छात्रों की भलाई का ध्यान रखना तथा उनकी मानसिक स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के लिए उनसे गहन बातचीत करना है।
निदेशक सुमन चक्रवर्ती ने शनिवार को ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि इस प्रतिष्ठित संस्थान के महासागर, नदी, वायुमंडल और भूमि विज्ञान केंद्र के प्रोफेसर अरुण चक्रवर्ती को पांच अगस्त को ‘विद्यार्थी कल्याण के डीन’ के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने कार्यभार संभाल लिया है।
निदेशक ने कहा कि अरुण चक्रवर्ती बीटेक पाठ्यक्रम के नए छात्रों के लिए आयोजित ‘इंडक्शन’ कार्यक्रम में सक्रिय रूप से शामिल हैं और उनके मुद्दों से अच्छी तरह वाकिफ हैं।
निदेशक ने आगे कहा, ‘‘आईआईटी खड़गपुर में वर्षों से छात्र मामलों के डीन का पद है, लेकिन अन्य संस्थानों की तरह, हमने यह नया पद केवल छात्रों के कल्याण, उनके समग्र विकास और किसी भी स्थिति में उनकी सहायता के लिए सृजित किया है। वह उनके मित्र होने के साथ-साथ उनके शिक्षक और मार्गदर्शक भी होंगे।’’
निदेशक ने कहा कि नये डीन कार्यालय तक सीमित रहने के बजाय, वह छात्रों से समूहों में और निजी तौर पर जमीनी स्तर पर मिलेंगे।’’
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि यह संभवत: पहली बार है कि देश के किसी संस्थान में ‘छात्र कल्याण के डीन’ का पद सृजित किया गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य छात्र कल्याण को ध्यान में रखना है। इसके अलावा छात्र मामलों के डीन का पद भी है।
निदेशक ने बताया कि ‘छात्र मामलों के डीन’ का पद है, लेकिन ‘छात्र मामले’ और ‘छात्र कल्याण’ दो अलग-अलग बात है। छात्र मामलों के डीन का काम प्रशासनिक और शैक्षणिक मुद्दों से ज्यादा जुड़ा होता है, जबकि छात्र कल्याण के डीन का काम छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य पर केंद्रित होगा।
यह पूछे जाने पर कि क्या यह नया पद (औपचारिक आधिकारिक अधिसूचना के साथ) सात महीनों में परिसर में चार छात्रों की कथित आत्महत्या के बाद सृजित किया गया है, निदेशक ने कहा, ‘‘हम चाहते हैं कि हमारे किसी भी बच्चे को अतिरिक्त दबाव और तनाव का सामना न करना पड़े।’’
चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र रितम मंडल 18 जुलाई को अपने छात्रावास के कमरे में फंदे से लटके पाए गए थे, जबकि जनवरी से अब तक तीन अन्य छात्र ऐसी ही परिस्थितियों में मृत पाए गए हैं। आईआईटी-खड़गपुर में 21 छात्रावास हैं जिनमें 16,000 छात्र रहते हैं।
भाषा संतोष माधव
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