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Wednesday, 13 August, 2025
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भाजपा ने राहुल को ‘चीनी गुरु’ बताया, कांग्रेस बोली: हर देशभक्त चीन पर जवाब मांग रहा है

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नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सेना के बारे में कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा राहुल से नाखुशी जताए जाने के बाद सोमवार को आरोप लगाया कि कि कांग्रेस नेता ने “भारत को कमजोर करने और चीन को मजबूत करने” की कसम खा रखी है।

मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने नेता का बचाव करते हुए कहा कि शीर्ष अदालत ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के पक्ष में राय बनाई, लेकिन सत्तापक्ष न्यायालय की मौखिक टिप्पणियों को लेकर लोगों को भ्रमित करना चाहता है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि गलवान की 2020 की घटना के बाद से हर देशभक्त भारतीय चीन मामले पर जवाब मांग रहा है लेकिन मोदी सरकार ने ‘‘डीडीएलजे’’ वाली अपनी नीति से सच्चाई को छिपाने की कोशिश की है।

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि सरकार की ‘डीडीएलजे’ वाली नीति का मतलब ‘डिनायल (इनकार करना), डिस्ट्रैक्ट (ध्यान भटकाना), लाई (झूठ बोलना) और जस्टीफाई (सही ठहराना)’ है।

शीर्ष अदालत ने दिसंबर 2022 में ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान सेना के बारे में की गई टिप्पणी को लेकर लखनऊ की एक अदालत में राहुल के खिलाफ जारी कार्यवाही पर सोमवार को रोक लगा दी।

हालांकि, न्यायालय ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष से नाखुशी जाहिर करते हुए कहा कि अगर वह सच्चे भारतीय हैं, तो ऐसी बात नहीं कहेंगे।

शीर्ष अदालत की टिप्पणियों का हवाला देते हुए भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि राहुल लगातार “बचकानी, गैर-जिम्मेदार और भारत विरोधी टिप्पणियां” करते आए हैं, जबकि अतीत में विभिन्न अदालतों ने ऐसी टिप्पणियों के लिए उनसे नाखुशी जाहिर की है।

भाटिया ने यहां भाजपा मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, “आज जब उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी आई है, तो यह कहना गलत नहीं होगा कि राहुल गांधी ने निश्चित रूप से भारत को कमजोर करने और चीन को मजबूत करने की कसम खा रखी है।”

सोनिया गांधी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मौजूदगी में राहुल के किसी दस्तावेज पर कथित तौर पर दस्तखत करने की तस्वीर दिखाते हुए भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि कांग्रेस नेता ने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ पार्टी-से-पार्टी के स्तर पर समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।

उन्होंने आरोप लगाया, “इसलिए राहुल गांधी कह रहे हैं कि चीनी सैनिकों ने हमारे सैनिकों को पीटा, चाहे डोकालाम में हो या गलवान घाटी में, जबकि हर भारतीय देश के बहादुर सैनिकों के साथ खड़ा है।”

भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने ‘एक्स’ पर पोस्ट कर आरोप लगाया कि राहुल गांधी अब प्रमाणित रूप से ‘राष्ट्र-विरोधी’ हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘वर्ष 2024 के चुनाव से पहले राहुल गांधी ने लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई भारतीय सरकार को हटाने के लिए विदेशी ताकतों से समर्थन मांगा। उन्होंने चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एक गुप्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका विवरण जनता से छिपा हुआ है। इसके तुरंत बाद, ‘राजीव गांधी फाउंडेशन’ को चीनी सरकार से दान मिला और उसने एक रिपोर्ट लिखी जिसमें भारत की अर्थव्यवस्था को चीनी हितों के लिए खोलने की सिफारिश की गई थी।’’

मालवीय ने कहा, ‘‘अब, उच्चतम न्यायालय की तीखी टिप्पणी ने केवल उसी बात को पुष्ट किया है जो भारत लगातार कहता आ रहा है।’’

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने राहुल गांधी पर संवैधानिक संस्थाओं पर ‘प्रहार’ करने का आरोप लगाया और साथ ही उन्हें संविधान के दायरे में रहकर विपक्ष की भूमिका निभाने की नसीहत भी दी।

यादव ने विधानसभा परिसर में पत्रकारों से चर्चा में यह दावा भी किया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जब नेता प्रतिपक्ष थे तो उन्होंने इस पद की गरिमा को ऊंचा किया था, जबकि राहुल गांधी इसे कमतर कर रहे हैं।

भाजपा के हमले के बीच, कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि वर्ष 2020 की गलवान की घटना के बाद से हर देशभक्त भारतीय चीन मामले पर जवाब मांग रहा है, लेकिन मोदी सरकार ने ‘‘डीडीएलजे’’ वाली अपनी नीति से सच्चाई को छिपाने की कोशिश की है।

रमेश ने यह यह भी आरोप लगाया कि मोदी सरकार 1962 के बाद से भारत को मिले सबसे बड़े क्षेत्रीय झटके के लिए ज़िम्मेदार है, और उस पर अपनी ‘कायरता’ और गलत आर्थिक प्राथमिकताओं के कारण चीन के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने का प्रयास करती है।

कांग्रेस नेता एवं वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘विडंबनापूर्ण और आश्चर्यजनक है कि हारने वाले लोग दिनभर राहुल गांधी के खिलाफ शेखी बघारते रहे। उच्चतम न्यायालय ने प्रथम दृष्टया राहुल गांधी के पक्ष में राय बनाई और मानहानि मामले में नोटिस जारी किया। वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा प्रतिनिधित्व किए गए शिकायतकर्ता ने आपत्ति जताई। यदि आप सोशल मीडिया और भाजपा ट्रोल्स या अमित मालवीय को पढ़ें, तो ऐसा लगता है कि आज राहुल गाधी हार गए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘राहुल गांधी को शिकायतकर्ता के वरिष्ठ वकील के विरोध के बावजूद कार्यवाही पर रोक मिल गई। फिर भी ट्रोल और भाजपा के लोग शर्मनाक हार का संकेत दे रहे हैं। ये लोग उच्चतम न्यायालय की मौखिक टिप्पणियों को उद्धृत और उन पर गर्व कर रहे हैं, जो हमेशा हर मामले में प्रत्येक पक्ष से प्रतिक्रियाएं प्राप्त करने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ गलत तरीके से निंदा निष्कर्ष निकालने के लिए की जाती हैं।’’

कांग्रेस नेता ने कहा कि जनता को भ्रमित किया जा रहा है।

भाषा हक हक सुरेश

सुरेश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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