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Wednesday, 13 August, 2025
होमदेशद्रमुक के ओटीपी सत्यापन संबंधी अदालत के आदेश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय का इनकार

द्रमुक के ओटीपी सत्यापन संबंधी अदालत के आदेश पर रोक लगाने से उच्चतम न्यायालय का इनकार

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नयी दिल्ली, चार अगस्त (भाषा) उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के सदस्यता अभियान ‘ओरानियिल तमिलनाडु’ के लिए ओटीपी सत्यापन संदेशों के इस्तेमाल पर मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा जारी आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति पी. एस. नरसिम्हा और न्यायमूर्ति ए. एस. चंदुरकर की पीठ ने द्रमुक की अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह मामला संवेदनशील है। पीठ ने कहा कि पूरी प्रक्रिया संदिग्ध है।

पीठ ने कहा, ‘‘अदालत को नागरिकों की रक्षा करनी है। आप फिर से उच्च न्यायालय जाएं। हम इस मामले में हस्तक्षेप करने के इच्छुक नहीं हैं। इसे खारिज किया जाता है।’’

द्रमुक की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पी. विल्सन ने दलील दी कि पार्टी ‘आधार’ विवरण एकत्र नहीं कर रही है।

उन्होंने दलील दी कि उच्च न्यायालय ने गलत आदेश पारित किया है क्योंकि इस मामले में किसी निर्देश का अनुरोध नहीं किया गया था।

पार्टी की ओर से पेश विल्सन ने कहा, ‘‘मेरा (पार्टी का) पूरा कार्यक्रम ठप हो गया है। 1.7 करोड़ सदस्य आए हैं और विषयगत प्रस्ताव दिए गए हैं। मैं वही कर रहा हूं जो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आम आदमी पार्टी (आप) जैसी अन्य पार्टियां कर रही हैं। मैं ‘आधार’ विवरण एकत्र नहीं कर रहा हूं।’’

उच्च न्यायालय ने 21 जुलाई को द्रमुक को अपने नामांकन अभियान के लिए ओटीपी सत्यापन संदेशों का उपयोग करने से रोकते हुए एक निर्देश जारी किया, जिसमें कहा गया कि यह मामला डाटा सुरक्षा और गोपनीयता के पहलुओं से जुड़ा है जिसकी अदालत द्वारा जांच की जानी है।

उच्च न्यायालय ने कहा कि चूंकि लोगों से व्यक्तिगत आंकड़ा एकत्र किया जा रहा है, इसलिए जनहित याचिका निजता के अधिकार और डाटा सुरक्षा के लिए उपलब्ध बुनियादी ढांचे को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती है।

अदालत ने शिवगंगा जिले के टी. अथिकरई गांव के निवासी एस. राजकुमार द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया।

याचिका में कहा गया है कि द्रमुक कार्यकर्ता और पदाधिकारी ‘ओरानियिल तमिलनाडु’ की आड़ में उनके इलाके में लोगों से व्यक्तिगत और ‘आधार’ विवरण एकत्र कर रहे हैं।

भाषा सुरभि अविनाश

अविनाश

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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