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Wednesday, 30 July, 2025
होमदेशमोदी सरकार ने कहा—नॉन इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए AIIMS दिल्ली में 2 साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है

मोदी सरकार ने कहा—नॉन इमरजेंसी ऑपरेशन के लिए AIIMS दिल्ली में 2 साल तक इंतज़ार करना पड़ सकता है

संसद में पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने भारी मरीज भार को इसकी वजह बताया है. मंत्रालय ने यह भी कहा कि गंभीर और आपातकालीन सर्जरी को प्राथमिकता दी जा रही है और बिना किसी देरी के की जा रही है.

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नई दिल्ली: ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (AIIMS), नई दिल्ली में नॉन इमरजेंसी सर्जरी कराने वाले मरीजों को भारी भीड़ के कारण दो साल तक इंतजार करना पड़ सकता है. यह जानकारी केंद्र सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में दी.

हालांकि, केंद्र ने भरोसा दिलाया है कि सभी विभागों में गंभीर और आपातकालीन सर्जरी को प्राथमिकता दी जा रही है और बिना देरी के की जा रही हैं.

केंद्रीय आयुष मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन के सवाल के लिखित जवाब में कहा, “भारी मरीजों की संख्या के कारण सामान्य तौर पर योजनाबद्ध सर्जरी के लिए इंतजार की अवधि दो साल तक हो सकती है.”

AIIMS दिल्ली देश के सबसे बड़े तृतीयक चिकित्सा संस्थानों में से एक है. यह स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्त रूप से काम करता है और यहां पूरे भारत से मरीज आते हैं.

गंभीर बीमारियों के लिए जनरल सर्जरी में इंतजार की अवधि दो महीने तक हो सकती है. स्त्री रोग विभाग में, विशेष रूप से कैंसर के मामलों में, यह अवधि तीन महीने तक होती है. गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी के लिए, स्थिति की गंभीरता के आधार पर यह समय तीन से छह महीने तक हो सकता है.

हृदय-फेफड़े और न्यूरोसर्जरी विभाग गंभीर और आपातकालीन मामलों में बिना देरी के ऑपरेशन कर रहे हैं, ऐसा जवाब में कहा गया है.

लेकिन जो सर्जरी तुरंत जरूरी नहीं हैं, उनके लिए सामान्य तौर पर दो साल तक का इंतजार करना पड़ सकता है, मंत्री ने कहा, जो भारत के प्रमुख चिकित्सा संस्थान पर बढ़ते बोझ को दर्शाता है.

फिलहाल, 1,324 मरीज न्यूरोसर्जरी का इंतजार कर रहे हैं, 690 कार्डियो-थोरेसिक-वैस्कुलर सर्जरी के लिए लाइन में हैं, 305 सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और 28 कोक्लियर इम्प्लांट सर्जरी के लिए प्रतीक्षा सूची में हैं.

सरकार ने स्पष्ट किया है कि हृदय रोग या अंतिम चरण की किडनी की बीमारी वाले मरीजों, जिनके पास डोनर मौजूद हैं, उन्हें एक साल से अधिक की सर्जरी तारीख नहीं दी गई है. इसी तरह, जिन लीवर बीमारियों का इलाज संभव है, उनकी सर्जरी के लिए कोई प्रतीक्षा अवधि नहीं है. जाधव ने कहा, “लीवर ट्रांसप्लांट के मामलों में, सर्जरी डोनर की उपलब्धता पर निर्भर करती है.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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