नई दिल्ली: राज्यसभा में मंगलवार को ऑपरेशन सिंदूर पर हुई विशेष चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर बहस हुई. बहस उस समय गरमा गई जब सदन में नेता और बीजेपी अध्यक्ष जे.पी. नड्डा तथा विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच तीखी जुबानी जंग हो गई.
खरगे ने अपने भाषण में ऑपरेशन सिंदूर के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सीधा हमला बोला. इसके जवाब में नड्डा ने कहा कि खरगे “मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.” इस बयान पर विपक्ष ने जोरदार विरोध किया और नड्डा से माफी की मांग की.
बाद में नड्डा ने अपने बयान पर खेद जताते हुए कहा, “हम नेता प्रतिपक्ष का सम्मान करते हैं. मैंने अपने शब्द वापस ले लिए हैं. अगर आपको ठेस पहुंची है तो मैं माफी मांगता हूं, लेकिन आप भी भावनाओं में बह गए थे और पीएम की गरिमा का भी ध्यान नहीं रखा, ये दुखद है.”
नड्डा ने आगे कहा, “खरगे जी वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन जिस तरह उन्होंने प्रधानमंत्री के बारे में टिप्पणी की…मैं उनके दर्द को समझ सकता हूं. पीएम मोदी पिछले 11 वर्षों से पद पर हैं और आज वे दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेता हैं.”
नड्डा द्वारा माफी मांगे जाने के बाद खरगे ने कहा, “इस सदन में कुछ नेताओं के प्रति मुझे बहुत सम्मान है, जिनमें नड्डा जी भी शामिल हैं. नड्डा और राजनाथ जी जैसे नेता हमेशा संतुलन के साथ बोलते हैं, लेकिन आज जो उन्होंने कहा, वह शर्मनाक था. मैं इसे यहीं नहीं छोड़ूंगा, उन्हें माफी मांगनी ही होगी.”
इस बीच, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए भारतीय सेना और सुरक्षाबलों की सराहना की. उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन आतंकियों को निशाना बनाने के लिए बारीकी से योजनाबद्ध था, ताकि पाकिस्तान के आम नागरिकों को कोई नुकसान न पहुंचे.
राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं इस सदन के माध्यम से भारतीय सेना और अन्य सुरक्षाबलों को जम्मू-कश्मीर में तीन TRF आतंकियों को मार गिराने पर बधाई देता हूं. ये वही आतंकी हैं जिन्होंने 22 अप्रैल को पहलगाम में 26 निर्दोष लोगों की नृशंस हत्या की थी.”
उन्होंने बताया कि ऑपरेशन का उद्देश्य आतंकी ठिकानों को नष्ट करना और भारत की “आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस” की नीति को सख्ती से लागू करना था.
सिंह ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम देने से पहले हमारी सेनाओं ने हर पहलू का बारीकी से अध्ययन किया. हमारे पास कई विकल्प थे, लेकिन हमने वही रास्ता चुना जिससे आतंकियों और उनके ठिकानों को सबसे ज़्यादा नुकसान पहुंचे और आम पाकिस्तानी नागरिकों को कोई क्षति न हो.”
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