नई दिल्ली: केंद्रीय रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को भारतीय अर्थव्यवस्था में छाई आर्थिक मंदी पर बेतुकी तुलना कर डाली. पीयूष गोयल के इस बयान से वहां बैठे सभी लोग कन्फ्यूज हो गए. गोयल ने कहा कि यह गणित नहीं था जिसने आइंस्टाइन को गुरुत्वाकर्षण की खोज में मदद की. उनकी यह टिप्पणी कई मायनों में गलत है.
बयान-आइंस्टाइन को गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में गणित ने मदद नहीं की थी
किसने कहा-केंद्रीय रेल और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने
क्या था पूरा बयान-आप इस गणित पर ध्यान मत दीजिए जो टेलीविज़न पर दिखाया जा रहा है. अगर आप 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था को देखना चाहते हैं तो देश को 12 फीसदी की दर से बढ़क हासिल करनी होगी. आज यह 6-7 फीसदी की दर से बढ़ रही है. आप इस गणित में न पड़ें. इस गणित (विज्ञान) ने आइंस्टाइन को गुरुत्वाकर्षण की खोज करने में मदद नहीं की थी. अगर पहले से तय मापदंडों और ज्ञान के आधार पर बात की जाती या खोज की जाती तो दुनिया में कोई नया ईज़ाद नहीं होता.
बाद में पीयूष गोयल ने क्या कहा
सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद पीयूष गोयल ने अपने बयान पर सफाई दी है. उन्होंने कहा कि ट्रेड बोर्ड की मीटिंग के दौरान आज सुबह जो मैनें बोला उसे जिस तरह से तोड़ा-मरोड़ा गया है वह बहुत ही शरारत भरा और आधारहीन आरोप है.
उन्होंने कहा, ‘इस दौरान मैंने जो भी बोला वह किसी बात को लेकर था लेकिन कुछ दोस्तों ने उस विषय को तो वहां से हटा दिया और शरारतपूर्ण हरकत करते हुए इसे नया रंग दे दिया है.’
Union Minister Piyush Goyal's clarification on his recent comments: The comment that I made had a certain context. Unfortunately some friends have sought to remove the context, pickup one line and create a very mischievous narrative. https://t.co/34nn1x3IlS pic.twitter.com/iK7UyU8Q12
— ANI (@ANI) September 12, 2019
एल्बर्ट आइंस्टाइन ने ग्रेविटी या गुरुत्वाकर्षण की खोज नहीं की थी. आईज़ैक न्यूटन ने इसकी खोज आईन्सटाइन से 200 साल पहले की थी, आइंस्टाइन असल में थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी या आपेक्षिकता सिद्धांत के लिए जाने जाते हैं.
साथ ही दोनो न्यूटन और आइंस्टाइन का काम गणित के इर्द-गिर्द रहा है जिसे अकसर विज्ञान की भाषा कहा जाता है. जब सिद्धांतों को गणित के ज़रिए समझाया जाता है और प्रयोग दोहराए जा सकते हैं, तभी माना जाता है कि एक बड़ी वैज्ञानिक खोज हुई और उसे दर्शाया जा सका.
हालांकि मंत्री महोदय लीक से हटकर सोचने को प्रोत्साहित कर रहे थे पर गफलत में वे आइंस्टाइन की अपेक्षाकृत नईं खोजों को न्यूटन के क्लासिक भौतिकी से मानने की भूल कर बैठे.
पर इसके विपरीत आइंस्टाइन ने न्यूटन की भौतिकी की कमियों को दर्शाया है और उसके ऊपर काम करके क्लासिक गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के साथ इलेक्ट्रोमेग्न्टिसम के सिद्धांत को जोड़ कर देखा.
साथ ही न्यूटन के मिकैनिक्स को आइंस्टाइन की रिलेटिविटी जैसे ही इस्तेमाल किया जा सकता है बस स्थितियां अलग होनी चाहिए. आइंस्टाइन की इक्वेशन न्यूटन की इक्वेशन को पूरी तरह दरकिनार नहीं करती जैसा कि मंत्री की बात से प्रतीत होता है. मंत्री जी का आशय अर्थशास्त्र में गणित के इस्तेमाल को लेकर था.