नई दिल्ली: बुधवार को एक बार फिर से लद्दाख से सटे भारत और चीन की सीमा पर दोनों देशों की सेना आमने-सामने आ गई. इससे निपटने के लिए अतिरिक्त सेना के जवानों को बुलाया गया. दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार दोनों देशों के शीर्ष अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद यह मामला सुलझा लिया गया.
भारतीय सेना के सूत्रों के अनुसार पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे के पास गश्त लगाते वक्त चीनी सेना के जवानों ने भारतीय सेना के 12 सैनिकों को रोक दिया था, जिसके बाद यह मामला सामने आया. पेंगोंग झील, जो तिब्बत से लेकर लद्दाख तक फैली है. इसके दो तिहाई क्षेत्र पर चीन का नियंत्रण है.
मामला उलझने के बाद दोनों सेनाओं ने अतिरिक्त सैनिकों को बुला लिया. बुधवार देर शाम तक दोनों सेनाएं आमने-सामने रहीं. इस घटना ने दिल्ली में बैठे रक्षा से जुड़े लोगों क लिए एक बड़ा संकेत दिया है. यह घटना तब सामने आई है, जब एक महीने बाद ही चीन के राष्ट्रपति शी जिंपिंग भारत की अनौपचारिक यात्रा करेंगे. इस दौरान उनकी मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ होगी.
इस स्थिति से निपटने के लिए और किसी बड़ी घटना घटने से पहले ही सेना ने बातचीत की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
बुधवार को दोनों देशों के प्रतिनिधियों के बीच ब्रिगेडियर लेवल की बातचीत हुई है. दिल्ली के सेना मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘स्थिति सामान्य हो गई है और सेनाओं के बीच हुई झड़प भी समाप्त हो गई है.’
अधिकारी ने कहा, ‘एलएसी के बारे में अनिश्चितता के कारण यह स्थिति आई थी. ऐसी स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास उपाय है.’
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चुशुल-मोल्डो के पास दोनों देशों के अधिकारियों की बातचीत हुई जिसके बाद स्थिति सामान्य हो गई.
पिछली घटनाएं
2017 में स्वतंत्रता दिवस के दिन दोनों देशों की सेनाओं के बीच छड़प हुई थी. उस समय भी पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे के पास यह घटना हुई थी. उस समय दोनों देशों की सेनाओं ने एक दूसरे पर पत्थर और रॉड से हमला किया था. क्षेत्र में गश्त लगाने के दौरान यह स्थिति उत्पन्न हुई थी. यह घटना उस समय हुई थी, जब भारत और चीन के बीच भूटान के डोकलाम को लेकर विवाद चल रहा था.
लगभग 73 दिनों के बाद दोनों देशों की सेनाएं डोकलाम से हटी थी. चीन लगातार इस इलाके में अपनी सेनाएं और सैन्य ढांचा बना रहा था.
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 के हटने के बाद दोनों देशों के बीच यह सबसे ताजा मामला है. भारत ने जम्मू-कश्मीर को दो भागों में बांटने का फैसला किया है . जिसमें लद्दाख को एक केंद्रशासित प्रदेश बनाने का फैसला किया है . लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले पर चीन ने आपत्ति जताई थी. चीन इस क्षेत्र पर अपना दावा करता है.
5 अगस्त को लिए भारत सरकार के फैसले के बाद चीन के विदेश मंत्री ने कहा था, ‘चीन हमेशा से ही अपनी सीमा में भारत की घुसपैठ का विरोध करता आया है.’
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