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Saturday, 26 July, 2025
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हिंसा प्रभावित मणिपुर में फल-फूल रहे निजी पुस्तकालय, नौकरी के इच्छुक लोगों को मिल रहा शांतिपूर्ण माहौल

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इंफाल, 26 जुलाई (भाषा) मणिपुर में निर्बाध मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन के अभाव और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए घर पर कोई उपयुक्त जगह न होने के कारण नौकरी के इच्छुक कई लोग निजी पुस्तकालयों का रुख कर रहे हैं, जहां उन्हें कम कीमत पर दोनों सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं।

मेइती और कुकी-जो समुदायों में जातीय हिंसा के बीच ये पुस्तकालय पिछले दो-तीन वर्षों में फल-फूल रहे हैं और नौकरी चाहने वालों, पाठकों और इन पुस्तकालयों के मालिकों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं। राज्य में जातीय हिंसा में 260 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।

पुस्तकों से भरे पारंपरिक पुस्तकालयों के विपरीत, इन निजी स्थानों पर पत्रिकाएं, प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अध्ययन सामग्री और वाई-फाई इंटरनेट कनेक्शन जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं और एक शांत, आरामदायक वातावरण होता है जहां आगंतुक अपने साथ लाई गई पुस्तकों को पढ़ने पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।

इंफाल में सरकारी नौकरी की इच्छुक टी. अबेम्मा राज्य सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए एक निजी पुस्तकालय में किताबें पढ़ रही थीं और इंटरनेट इस्तेमाल कर रही थीं, जबकि स्नातक की पढ़ाई कर चुके लैशराम विक्टर यहां ऐसे ही एक पुस्तकालय में सीडीएस परीक्षा की तैयारी में व्यस्त थे।

अबेम्मा और विक्टर की तरह, नौकरी के इच्छुक कई लोग इंफाल क्षेत्र और काकचिंग जिले में 40 ऐसे निजी पुस्तकालयों में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। इसकी वजह यह है कि उनके घरों में ‘पढ़ने के लिए माहौल नहीं’ है, और कई लोग राज्य में जातीय हिंसा के बीच लगातार इंटरनेट बंद होने के चलते परेशानी का सामना कर रहे हैं।

विक्टर ने कहा कि एक ही स्थान पर किताबें पढ़ने और इंटरनेट का उपयोग करने की नयी संस्कृति पिछले दो वर्षों में निजी पुस्तकालयों के शुरू होने से बढ़ी है। ये पुस्तकालय उन लोगों की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, जिनके पास अपने निवास पर अध्ययन के लिए अलग कमरे नहीं हैं।

उन्होंने 2023 में पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग से स्नातक की पढ़ाई पूरी की और एसएससी व सीडीएस परीक्षाओं की तैयारी के लिए रोजाना सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक पुस्तकालय आते हैं।

बुक्स एंड ब्रेन के सह-संस्थापक ए मायांगलम्बम ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “तीन साल पहले इंफाल में पांच से भी कम निजी पुस्तकालय या पढ़ने के स्थान थे। मेरे कई दोस्त और मैं इन पुस्तकालयों सीट बुक नहीं कर पाते थे, क्योंकि सीट सीमित थीं। इस तरह मेरे एक दोस्त और मेरे मन में पाठकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए एक पुस्तकालय स्थापित करने का विचार आया, खासकर उन लोगों के लिए जिन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है और विभिन्न राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।”

उन्होंने बताया कि इंफाल के केसम्पट क्षेत्र में स्थित उनके पुस्तकालय में आने वाले अधिकांश आगंतुक नीट परीक्षा और अन्य राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं।

भाषा जोहेब देवेंद्र

देवेंद्र

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

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