जिनेवा: भारत ने मंगलवार को पाकिस्तान को यह कहकर फटकार लगाई कि उसने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में जम्मू-कश्मीर के बारे में गलत और मनगढ़ंत कहानी पेश की है. इस दौरान भारत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह इस मुद्दे पर कोई विदेशी हस्तक्षेप स्वीकार नहीं करेगा, क्योंकि यह उसका आंतरिक मामला है. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी द्वारा यूएनएचआरसी के मंच से संबोधित करने के कुछ घंटों बाद ही एक शीर्ष भारतीय राजनयिक ने अपना संबोधन दिया.
First Secretary MEA: We're not surprised at Pak's hysterical statements with false narratives aimed to politicise&polarise this forum.Pak realises that our decision cuts away ground from under its feet by creating obstacles in its continuing sponsorship of cross-border terrorism. https://t.co/gnVBNpvcwi
— ANI (@ANI) September 10, 2019
इस दौरान भारतीय राजनयिक ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ‘पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है और वह वैकल्पिक कूटनीति के तौर पर सीमा पार आतंकवाद का संचालन करता है.
Secretary (East) MEA: 1 delegation has given a running commentary with offensive rhetoric of false allegations&concocted charges against my country. World is aware that this fabricated narrative comes from epicentre of global terrorism,where ring leaders were sheltered for years. https://t.co/uU7ayacg2w
— ANI (@ANI) September 10, 2019
विदेश मंत्रालय की सचिव (ईस्ट) विजय ठाकुर सिंह ने कहा कि भारत मानवधिकारों को बढ़ावा देने और उसकी रक्षा करने में दृढ़ता से विश्वास करता है. सिंह ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग क्षेत्र में किसी भी रूप में आतंकवाद को बढ़ावा देने व वित्तीय तौर पर इसका समर्थन करते हैं, वास्तव में वही मानव अधिकारों के सबसे बड़े हननकर्ता हैं.’
उन्होंने यह भी कहा कि अनुच्छेद 370 पर संसद द्वारा पारित अन्य विधानों की तरह ही भारतीय संसद द्वारा एक पूर्ण बहस के बाद फैसला लिया गया है. इसे व्यापक तौर पर भारत की जनता का समर्थन भी मिला.
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पीड़ित बनने का रोना रो रहा है, जबकि वास्तव में वह खुद मानवाधिकारों के हनन का अपराधी है. सिंह ने कहा, ‘हमें उन लोगों पर लगाम कसनी चाहिए, जो मानवाधिकारों की आड़ में दुर्भावनापूर्ण राजनीतिक एजेंडों के लिए इस मंच का दुरुपयोग कर रहे हैं. ये लोग दूसरे देशों के अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों पर बोलने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि वे अपने ही देश में उन्हें रौंद रहे हैं. वे पीड़ित की तरह रो रहे हैं, जबकि वास्तव में वे अपराधी हैं.’
Secretary (East) MEA, Vijay Thakur Singh at UNHRC in Geneva on Jammu & Kashmir: My Government is taking affirmative action by adopting progressive policies to promote socio-economic equality & justice. pic.twitter.com/MDKZKWKDK7
— ANI (@ANI) September 10, 2019
सिंह ने कहा कि इस फैसले से संपत्ति पर अधिकार और स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व समेत लैंगिक भेदभाव का अंत होगा, बाल अधिकारों का बेहतर संरक्षण होगा. साथ ही घरेलू हिंसा के खिलाफ संरक्षण मिलेगा. शिक्षा, सूचना और काम का अधिकार कानून लागू होगा और शरणार्थियों और वंचितों के खिलाफ भेदभाव समाप्त होगा.
जम्मू और कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों पर उन्होंने कहा, ‘सीमा पार आतंकवाद के विश्वसनीय खतरों का सामना करने में हमारे नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अस्थायी निवारक और एहतियाती उपायों की जरूरत थी.’
(आईएएनएस के इनपुट के साथ )