नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) पहलगाम आतंकी हमले और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर संसद में बहस की विपक्ष की मांग के बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सहयोगी दलों ने रविवार को भारत-पाकिस्तान संघर्ष के बाद बहुदलीय प्रतिनिधिमंडलों की विदेश यात्राओं पर चर्चा की वकालत की और इसे एक बड़ी सफलता बताया जिसे देश के सामने लाया जाना चाहिए।
तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) के लवू श्रीकृष्ण देवरायलु, जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) के संजय झा और शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, जो सभी अलग-अलग प्रतिनिधिमंडलों का हिस्सा थे और संसद के मानसून सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित सर्वदलीय बैठक में शामिल हुए, इस मामले पर चर्चा के समर्थन में थे।
झा और शिंदे ने अपने-अपने प्रतिनिधिमंडलों का नेतृत्व किया था।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने संकेत दिया है कि सरकार चर्चा कराने की इच्छुक है। रीजीजू ने कहा, ‘‘उन सभी बेहतरीन अनुभवों को राष्ट्र के साथ साझा किया जाना चाहिए। हम इसका स्वागत करेंगे।’’
‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सरकार की वैश्विक कूटनीतिक पहुंच के तहत विभिन्न दलों के 50 से अधिक सांसदों वाले सात प्रतिनिधिमंडलों ने 30 से अधिक देशों और यूरोपीय संघ का दौरा किया था।
रीजीजू ने कहा कि ये दौरे बहुत अच्छे रहे।
सत्र की पूर्व संध्या पर आयोजित सर्वदलीय बैठक के बाद झा ने कहा कि प्रतिनिधिमंडलों का विभिन्न देशों का दौरा ‘बेहद सफल’ रहा, जिससे विभिन्न देशों के प्रमुख सरकारी अधिकारियों तक आतंकवाद के विरुद्ध भारत के एकजुट संकल्प का संदेश पहुंचा।
उन्होंने कहा कि चाहे सिंधु जल संधि को स्थगित रखने का भारत का रुख हो या आतंकवाद में पाकिस्तान की संलिप्तता, यह दौरा ‘बेहद सफल’ रहा क्योंकि प्रतिनिधिमंडलों ने विभिन्न देशों के राजदूतों और थिंक टैंक के अलावा अन्य प्रभावशाली समूहों से भी मुलाकात की।
भाषा संतोष नरेश
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