नयी दिल्ली, 20 जुलाई (भाषा) भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अंतर्गत भुवनेश्वर स्थित क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र ने मलेरिया का एक उन्नत टीका विकसित किया है जो लोगों में ‘प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम’ संक्रमण को रोक सकता है और सामुदायिक संचरण को बेहद कम कर सकता है।
आईसीएमआर दिल्ली ने प्लास्मोडियम फाल्सीपेरम के विरुद्ध एक पुनः संयोजित बहु-चरणीय मलेरिया वैक्सीन (एडीफैल्सीवैक्स) के वाणिज्यिक उत्पादन के लिए प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के इच्छुक पात्र संगठनों, कंपनियों और निर्माताओं से अभिरुचि पत्र (ईओआई) आमंत्रित किए हैं।
अभिरुचि पत्र में कहा गया है कि इस प्रौद्योगिकी का प्री-क्लिनिकल सत्यापन भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय मलेरिया अनुसंधान संस्थान , आईसीएमआर के अन्य घटक संस्थानों तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग के एक स्वायत्त अनुसंधान संस्थान, राष्ट्रीय प्रतिरक्षा संस्थान (नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी) नयी दिल्ली के सहयोग से किया गया था।
आईसीएमआर-आरएमआरसीबीबी (क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान केंद्र, भुवनेश्वर) टीके के उत्पादन की सभी चरणों में विशेषज्ञ मार्गदर्शन और तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, जिससे इसके विकास और वाणिज्यीकरण की प्रक्रिया को प्रभावी रूप से तेज़ी मिलेगी।
भाषा
शोभना जोहेब
जोहेब
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