scorecardresearch
Saturday, 19 July, 2025
होमदेशएसआईआर की कवायद एक ‘पूर्ण घोटाला’, अगस्त में और अधिक विरोध-प्रदर्शन करेंगे: भाकपा (माले)

एसआईआर की कवायद एक ‘पूर्ण घोटाला’, अगस्त में और अधिक विरोध-प्रदर्शन करेंगे: भाकपा (माले)

Text Size:

नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) भाकपा (माले) ने शनिवार को आरोप लगाया कि बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया एक ‘‘पूर्ण घोटाला’’ है। पार्टी ने घोषणा की कि मसौदा मतदाता सूची प्रकाशित होने के बाद वह अगस्त में विरोध-प्रदर्शन शुरू करेगी।

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने प्रेसवार्ता में दिल्ली और अन्य राज्यों में हुई तोड़फोड़ की कार्रवाई, बंगाली भाषी प्रवासियों पर ‘‘कार्रवाई’’ और असम में बेदखली का हवाला देते हुए भाजपा पर उन लोगों को निशाना बनाने का आरोप लगाया, जो मुख्य रूप से विपक्षी दलों के मतदाता हैं।

उन्होंने कहा कि भाकपा (माले) अगस्त में ‘चुनाव चोर, गद्दी छोड़’ नारे के साथ एक अभियान शुरू करेगी।

भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि पार्टी बिहार के प्रवासी मजदूरों को विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के तहत ऑनलाइन आवेदन करने में मदद के लिए कई राज्यों में हेल्पलाइन शुरू कर रही है।

भट्टाचार्य ने आरोप लगाया, ‘‘एसआईआर चुनावी बॉण्ड की तरह ही एक घोटाला है। हम 22 जुलाई को निर्वाचन आयोग से मिलेंगे और उन्हें बताएंगे कि एसआईआर के नाम पर किस तरह का घोटाला हो रहा है तथा लोगों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।’’

उन्होंने बिहार में जारी एसआईआर के दौरान बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के पाए जाने के दावे और मतदाता सूची से हटाए जाने की संभावना वाले मतदाताओं की संख्या की रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए।

भट्टाचार्य ने सवाल किया, ‘‘जब जमा किए जा रहे फॉर्म की जांच शुरू होनी बाकी है, तो निर्वाचन आयोग मौतों के आंकड़े और कितने लोग स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं या कितने दोहराव वाले नाम हटाए गए हैं, इससे संबंधित आंकड़े कैसे जारी कर सकता है।’’

निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को कहा कि वह बिहार के उन मतदाताओं की सूची राजनीतिक दलों और उनके बूथ स्तर के एजेंट के साथ साझा कर रहा है, जिनकी संभवतः मृत्यु हो गई है या जो स्थायी रूप से स्थानांतरित हो गए हैं और जिन्होंने कई स्थानों पर नामांकन कराया है, ताकि 25 जुलाई से पहले ऐसे व्यक्तियों की वास्तविक स्थिति का पता लगाया जा सके।

भट्टाचार्य ने कहा कि अगस्त में जब मतदाता सूची का मसौदा प्रकाशित होगा, तो और अधिक विरोध-प्रदर्शन होंगे।

भाषा शफीक प्रशांत

प्रशांत

यह खबर ‘भाषा’ न्यूज़ एजेंसी से ‘ऑटो-फीड’ द्वारा ली गई है. इसके कंटेंट के लिए दिप्रिंट जिम्मेदार नहीं है.

share & View comments