नयी दिल्ली, 19 जुलाई (भाषा) मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के नेता जॉन ब्रिटास ने शनिवार को कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का एकमात्र उद्देश्य “धर्मनिरपेक्ष ताकतों” को एकजुट करना होना चाहिए, न कि उनके बीच “भ्रम और विभाजन” पैदा करना।
ब्रिटास कांग्रेस नेता की केरल में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जिसमें उन्होंने माकपा की तुलना राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से की थी।
माकपा के राज्यसभा सदस्य ब्रिटास ने हालांकि कहा कि इससे संसद के आगामी मानसून सत्र में विपक्ष की एकता पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
राहुल गांधी ने शुक्रवार को केरल के कोट्टायम में कहा कि वह आरएसएस और माकपा से वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं, लेकिन दोनों के बारे में उनकी सबसे बड़ी शिकायत यह है कि उनमें लोगों के प्रति संवेदना की कमी है।
गांधी की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर ब्रिटास ने कहा, “यह हास्यास्पद और बेतुकी है।”
ब्रिटास ने कहा, “जब भी वह केरल जाते हैं, तो ऐसी बेकार बातें करते हैं। मुझे लगता है कि इसके लिए केरल कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार है। उन्होंने आरएसएस से मुकाबला करने के लिए केरल को मैदान के रूप चुना। जबकि, वहां वास्तव में वामपंथियों और कांग्रेस के बीच लड़ाई है।”
उन्होंने कहा, “मैं दिल से चाहता हूं कि राहुल गांधी जैसे नेता, जो विपक्ष के नेता हैं, उनका एकमात्र उद्देश्य धर्मनिरपेक्ष ताकतों को एकजुट करना होना चाहिए, न कि धर्मनिरपेक्ष दलों के कार्यकर्ताओं में भ्रम व विभाजन पैदा करना चाहिए। उन्हें माकपा को यह सिखाने की जरूरत नहीं है कि आरएसएस से कैसे मुकाबला किया जाए।”
भाषा जोहेब नेत्रपाल
नेत्रपाल
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