नई दिल्ली: रायपुर के नवा रायपुर अटल नगर में आयोजित एक भव्य समारोह में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ अंजोर विज़न@2047 दस्तावेज़ प्रदेश की जनता को समर्पित किया. इसमें राज्य के भविष्य के लिए तय की गई दिशा, संकल्प और रणनीति का समावेश है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दस्तावेज़ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत@2047 संकल्प से प्रेरित है. यह सिर्फ कागज़ों की योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर और समृद्ध छत्तीसगढ़ की नींव है. उन्होंने बताया कि इस विज़न की जानकारी उन्होंने हाल ही में नीति आयोग की बैठक में भी दी थी.
दस्तावेज़ को तैयार करने में वर्किंग ग्रुप्स, संभागीय संवाद और ‘मोर सपना मोर विकसित छत्तीसगढ़’ पोर्टल के माध्यम से जनसहभागिता सुनिश्चित की गई. इसमें राज्य के तीन करोड़ नागरिकों की आकांक्षाओं को जगह दी गई है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ विकसित भारत की ऊर्जा रीढ़ बनेगा. स्टील उत्पादन: 28 से 45 मिलियन टन, कोयला: 207 से 437 मिलियन टन, विद्युत उत्पादन: देश में सर्वोच्च स्थान तक लिथियम खनिज की सफल नीलामी, देश में पहली.
राज्य में 2030 तक रेलमार्ग दोगुना किए जाएंगे. बोधघाट जैसी परियोजनाओं से सिंचाई और बिजली को बढ़ावा मिलेगा. विज़न में 2030, 2035 और 2047 के लिए क्रमशः अल्पकालिक, मध्यकालिक और दीर्घकालिक लक्ष्य तय किए गए हैं.
विज़न के अंतर्गत कृषि, जैविक खेती, आईटी, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन, संस्कृति और शिक्षा जैसे 13 प्रमुख क्षेत्रों में 10 मिशनों के ज़रिए समग्र विकास की रणनीति बनाई गई है.
वर्तमान जीडीपी ₹5 लाख करोड़ से बढ़ाकर: 2030 तक ₹11 लाख करोड़, 2047 तक ₹75 लाख करोड़, किसानों की आय 10 गुना बढ़ाने, निर्यात, जैविक खेती और किसान सम्मान निधि जैसी योजनाओं को विस्तार देने की योजना.
आयुष्मान भारत से 87% आबादी कवर, लक्ष्य 100%, बस्तर-संरगुजा में सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, 5000 नई शिक्षकों की भर्ती, 1000 पीएमश्री स्कूल, 36 आदर्श कॉलेज, बेरोज़गारी दर 2.7% से घटाकर 1% से कम करने का लक्ष्य. आईटी सेक्टर में सेमीकंडक्टर प्लांट, एआई डाटा सेंटर और 10 से अधिक स्मार्ट सिटीज़ विकसित की जाएंगी. 5000 स्मार्ट गांव बनाने की योजना. बस्तर और सरगुजा में ईको-टूरिज्म और होम-स्टे को बढ़ावा.
मुख्यमंत्री ने कहा, “जब रास्ता स्पष्ट हो, संकल्प दृढ़ हो और मेहनत हो, तब कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता.”
उन्होंने जनता से आग्रह किया कि वे इस विज़न को अपना साझा सपना मानें और विकसित छत्तीसगढ़ की दिशा में भागीदार बनें.